Saturday, December 27, 2008

नगरीय विकास मंत्री ने की नगरीय निकायों के काम-काज की समीक्षा

नगरीय विकास मंत्री श्री राजेश मूणत ने प्रदेश के नगरीय निकायों में संचालित नगर विकास की योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाने का आव्हान किया है। श्री मूणत आज यहां प्रदेश के नगर निगम आयुक्तों एवं नगरपालिका तथा नगर पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने सभी विकास योजनाओं को समय सीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिए। श्री मूणत ने शहरों की सुन्दरता में बाधक अवैध कब्जों को हटाने तथा कॉलोनियों में होने वाले अवैध निर्माण पर रोक लगाने पर जोर दिया।

नगरीय विकास मंत्री श्री राजेश मूणत ने आज यहां प्रदेश के सभी नगरीय निकायों मे संचालित विकास योजनाओं की समीक्षा की। समीक्षा बैठक में उन्होंने नगर निगम आयुक्तों, नगरपालिका एवं नगर पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों से कहा कि सभी विकास योजनाओं को निर्धारित समय सीमा में पूरा किया जाए। इसकी जिम्मेदारी आयुक्तों तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारियों की होगी। उन्होंने नगरीय निकायों की आर्थिक सुदृढ़ता हेतु राजस्व वृध्दि के प्रयास करने पर जोर दिया तथा इसके लिए संचालनालय स्तर पर लक्ष्य निर्धारित कर शत्-प्रतिशत राजस्व प्राप्ति हासिल करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी नगरीय निकायों के लिए विजन प्लान बनाकर कार्य किया जाए। श्री मूणत ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि नगरीय निकायों में संचालित योजनाओं में व्यक्तिगत रूचि लेकर सतत् निगरानी करें तथा निर्माण कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए।

श्री मूणत ने शहरों की सुंदरता में बाधक अवैध कब्जों को हटाने तथा कॉलोनियों एवं बड़े काम्प्लेक्सों में किए जाने वाले अवैध निर्माण पर रोक लगाने के लिए कहा। उन्होंने सभी शॉपिंग काम्प्लेक्स में पार्किंग की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए विशेष अभियान चलाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने नगर निगम आयुक्तों एवं नगरपालिका के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों से कहा कि वे आम जनता की समस्याओं के निराकरण के लिए समय निर्धारित कर उसे सार्वजनिक करें तथा उस वक्त अपनी उपलब्धता सुनिश्चित करें। उन्होंने कार्यालयीन कार्यों में पारदर्शिता लाने तथा विभागीय स्टॉफ पर नियंत्रण रखने के भी निर्देश दिए। बैठक में सचिव नगरीय प्रशासन श्री सी.के. खेतान एवं अपर संचालक श्री हेमंत पहारे सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

खेती-किसानी का विकास किसानों का अधिकार : डॉ. रमन सिंह

धान पर 270 रूपए प्रति क्विंटल बोनस देने के निर्णय पर किसानों ने किया मुख्यमंत्री का भव्य अभिनन्दन
एक हजार 120 रूपए प्रति क्विंटल दर से धान खरीदने वाला छत्तीसगढ़ देश का एक मात्र राज्य : कृषि मंत्री श्री साह
रायपुर, 27 दिसम्बर 2008 मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि राज्य सरकार द्वारा किसानों के हित में चलाए जा रहे विकास कार्य और खेती-किसानी से संबंधित हर योजना वास्तव में छत्तीसगढ़ के मेहनतकश किसानों का अधिकार है। राज्य सरकार ने अपनी कर्त्तव्य भावना से उन्हें जो कुछ भी दिया है वह तो उनका हक है और उन्हें अपना यह अधिकार मिलने पर किसी के स्वागत या अभिनन्दन की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के किसान खुशहाल होंगे, तभी राज्य का सही मायने में विकास हो सकेगा। डॉ. सिंह आज राजधानी रायपुर स्थित शहीद स्मारक भवन में आयोजित अभिनन्दन समारोह में राज्य भर से आए किसानों को सम्बोधित कर रहे थे। समारोह में मुख्यमंत्री सहित कृषि मंत्री श्री चन्द्रशेखर साहू को 12 जिलों के किसानों ने अभिनन्दन पत्र सौंप कर धान पर 270 रूपए प्रति क्विंटल बोनस देने के निर्णय के लिए उनको धन्यवाद दिया। मुख्यमंत्री ने भी अपने उद्बोधन में इस अभिनन्दन के लिए राज्य सरकार की तरफ से प्रदेश के सभी किसानों का आभार व्यक्त किया। समारोह का आयोजन छत्तीसगढ़ कृषक बिरादरी एवं छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ एग्रीकल्चर रायपुर द्वारा किया गया था।

डॉ. रमन सिंह ने समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि राज्य में खेती-किसानी के विकास के लिए कभी भी पैसे की कमी नहीं होने दी जाएगी। राज्य सरकार अपने संसाधनों से किसानों और कृषि के विकास के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। इसके लिए पिछले कार्यकाल में कई काम किए गए हैं और जो शेष रह गए हैं, उन्हें इस कार्यकाल में पूरा किया जाएगा। डॉ. सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार केन्द्र सरकार के लिए धान खरीदी करने का एक जरिया मात्र है। राज्य सरकार किसानों से धान खरीद कर उसका अधिकांश भाग भारतीय खाद्य निगम के माध्यम से केन्द्र के पूल में भेज देती है। केन्द्र के पूल में धान देने के मामले में छत्तीसगढ़ के किसान पूरे देश में तीसरे-चौथे स्थान पर हैं। डॉ. सिंह ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा धान का समर्थन मूल्य एक हजार रूपए किए जाने की मांग न मानने पर ही राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से प्रदेश के किसानों को धान का 270 रूपए प्रति क्विंटल बोनस की घोषणा कर किसानों की खुशहाली के लिए अपनी प्रतिबध्दता जाहिर कर दी है। राज्य सरकार किसानों के विकास और कृषि क्षेत्र में स्वावलंबन प्राप्त करने की दीर्घकालीन योजना पर काम कर रही है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के किसानों से खेती के साथ-साथ उसके सहायक धन्धों जैसे सब्जी उत्पादन, मछली पालन आदि को अपना कर अधिक से अधिक लाभ कमाने की भी अपील की।

कृषि मंत्री श्री चन्द्रशेखर साहू ने किसानों को सम्बोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार अपने संकल्प पत्र के प्रत्येक बिन्दु को लागू करने के लिए प्रतिबध्द है और किसानों को धान पर 270 रूपए प्रति क्विटल बोनस घोषित कर इसकी शुरूआत कर दी गयी है। उन्होंने कहा कि 20 अक्टूबर और उसके बाद खरीदे गए धान पर यह बोनस किसानों को दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में खेती की अपार संभावनाएं हैं और छत्तीसगढ़ी किसानों की कई देशी तकनीके भी उत्पादन बढ़ाने में सहायक हो सकती है। श्री साहू ने किसानों से सिंचित रकबे में उद्यानिकी फसलों को अनिवार्यत: लगाने की भी अपील की। उन्होंने किसानों के लिए बिना ब्याज के कृषि ऋण उपलब्ध कराने की सरकार की मंशा की भी जानकारी दी। कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने पहले ही खेती किसानी के लिए मिलने वाले कर्ज पर ब्याज दर घटाकर तीन प्रतिशत कर दी है और अब सरकार की योजना है कि किसान लिए गए कर्ज का केवल मुलधन ही वापस करे। इसकी शुरूआत भी डॉ. रमन सिंह ने डेयरी व्यवसाय के लिए दूध उत्पादक किसानों को तीन प्रतिशत ब्याज पर ऋण देने की घोषणा से कर दी है।

अभिनन्दन समारोह में जिला पंचायत रायपुर के अध्यक्ष श्री अशोक बजाज, मार्कफेड के अध्यक्ष श्री राधेश्याम गुप्ता, पूर्व विधायक श्री चंदूलाल साहू, छत्तीसगढ़ कृषक बिरादरी के मुखिया श्री जय नारायण अग्रवाल सहित कृषि विशेषज्ञ डॉ. संकेत ठाकुर, श्री रजनीश अवस्थी, श्री चन्द्रहास चन्द्राकर और बड़ी संख्या में प्रदेश भर से आए किसान उपस्थित थे।

Friday, December 26, 2008

छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड द्वारा किये जा रहे कार्यो की उपराष्ट्रपति द्वारा सराहना

रायपुर, 26 दिसम्बर 2008 मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से आज यहां उनके निवास पर छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष श्री सलीम अशरफी ने सौजन्य मुलाकात कर संयुक्त संसदीय समिति (वक्फ) राज्यसभा द्वारा नई दिल्ली में आयोजित बैठक की जानकारी दी। संयुक्त संसदीय समिति की बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड को राज्य शासन द्वारा उपलब्ध करायी जा रही सहायता और राज्य वक्फ बोर्ड के कार्यो की प्रशंसा की गई। श्री अशरफी ने मुख्यमंत्री को बताया कि इस बैठक में उप-राष्ट्रपति श्री मोहम्मद हामिद अंसारी, केन्द्रीय मंत्री अल्पसंख्यक मंत्रालय श्री ए.आर. अंतुले, लोक सभा अध्यक्ष श्री सोमनाथ चटर्जी एवं संयुक्त संसदीय समिति (वक्फ) के अध्यक्ष श्री के. रहमान सहित 32 लोक सभा सांसद एवं वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित हुए।

श्री अशरफी ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य में वक्फ बोर्ड की एक हजार 811 परिसम्पतियां है, सरकार द्वारा नियुक्त सर्वेक्षण आयुक्त की देखरेख में वक्फ सम्पतियों का सर्वेक्षण एक वर्ष पूर्व दिसम्बर 2007 में किया गया। सर्वे में अगस्त 2008 तक 143 अतिरिक्त वक्फ सम्पतियों की पहचान की गई। इसका अनुमानित बाजार मूल्य लगभग 37 करोड़ रूपये है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की पहल पर 2007-08 वक्फ सर्वेक्षण के लिए 26 लाख 85 हजार रूपये की अनुदान राशि दी गई। वक्फ सम्पतियों पर अतिक्रमण हटाने के लिए बोर्ड द्वारा कार्यवाही की जा रही है। अतिक्रमण की कुल परिसम्पतियों का वर्तमान बाजार मूल्य 137 करोड़ 63 लाख रूपये है। श्री अशरफी ने बताया कि संयुक्त संसदीय समिति राज्य सभा नई दिल्ली द्वारा वक्फ संबंधी संयुक्त समिति का प्रतिवेदन पुस्तिका का प्रकाशन किया गया है जिसे संसद में प्रस्तुत किया गया। जिसमें छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड को छोड़कर अन्य वक्फ बोर्ड के कार्यो पर टिप्पणी/सुझाव दिया है। बैठक में सभी राज्य के वक्फ बोर्ड को समझाईश दी गई कि वे छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के कार्यो का अनुशरण करें।

श्री अशरफी ने प्रदेश सरकार द्वारा वक्फ बोर्ड को दिये जा रहे सहयोग के लिए मुख्यमंत्री के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने अल्प समय में बोर्ड को अनुदान राशि प्रदान की है इससे बोर्ड के क्रियाकलापों में गति आयी है।

अब तक 14.74 लाख मीटरिक टन से अधिक धान की खरीदी

रायपुर, 26 दिसम्बर 2008 - राज्य में प्राथमिक सहकारी समितियों के एक हजार 577 उपार्जन केन्द्रों में चालू खरीफ विपणन वर्ष में किसानों से अब तक समर्थन मूल्य पर 14 लाख 74 हजार 593 मीटरिक टन धान की खरीदी की जा चुकी है। राज्य शासन द्वारा धान खरीदी का यह विशेष अभियान अक्टूबर महीने की 20 तारीख से शुरू की गई है।

छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि प्राथमिक सहकारी समितियों के माध्यम से अब तक रायपुर जिले में सर्वाधिक तीन लाख 91 हजार 37 मीटरिक टन धान की खरीदी की गई है। इसी प्रकार कवर्धा में 21 हजार 424 मीटरिक टन, कांकेर में 34 हजार 498, कोरबा में 6 हजार 177, कोरिया में 6 हजार 521, जशपुर में 6 हजार 844, जांजगीर-चांपा में 94 हजार 883, दंतेवाड़ा में एक हजार 710, दुर्ग में 2 लाख 13 हजार 80, धमतरी में एक लाख 55 हजार 323, बस्तर (जगदलपुर) में 12 हजार 523, बिलासपुर में 85 हजार 77, महासमुंद में एक लाख 94 हजार 51, राजनांदगांव में 60 हजार 861, रायगढ़ में एक लाख 44 हजार 134 तथा सरगुजा जिले के 46 हजार 441 मीटरिक टन धान की खरीदी अब तक की गई है।

Wednesday, December 24, 2008

मुख्यमंत्री निवास पर कैरोल गायन

रायपुर, 22 दिसम्बर 2008 मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के निवास पर आज यहां बैरन बाजार कैथाड्रल चर्च से आए गायन दल ने कैरोल गीत प्रस्तुत किए और देश और दुनिया की सुख, शांति और समृद्वि की कामना की। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कैरोल गायन दल के सदस्यों को आगामी 25 दिसम्बर को मनाए जाने वाले क्रिसमस पर्व की बधाई और शुभकामनाएं दीं। गायन दल के सदस्यों ने भी मुख्यमंत्री को क्रिसमस की शुभकामनाएं दी।

बैरन बाजार कैथाड्रल चर्च के अध्यक्ष फॉदर श्री फ्रांसिस के नेतृत्व में आए कैरोल गायन दल में फॉदर श्री प्रमोद, फॉदर श्री देवानंद, श्री आइजेक मिंज, श्री एडवर्ड एक्का और श्रीमती सुशीला तिग्गा सहित दल के तीस सदस्य शामिल थे।

राजभवन में कैरोल सांग का गायन

रायपुर, 22 दिसम्बर 2008 प्रभु ईसा मसीह के जन्मदिवस क्रिसमस के अवसर पर गत दिनों राजभवन में कैपिटल पास्टर्स फेलोशिप द्वारा तथा सेंट जोसफ महागिरजाघर बैरन बाजार द्वारा कैरोल सांग का गायन किया गया।

इस अवसर पर राज्यपाल श्री ई.एस.एल. नरसिम्हन ने प्रदेश के सभी नागरिकों को क्रिसमस की हार्दिक शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि प्रभु यीशु मसीह ने शांति, समानता और मानवता के जो संदेश दिए उसका व्यापक प्रचार-प्रसार किए जाने की जरूरत है। इस अवसर पर श्री टी. डेनियल ने कैरोल सांग के गायन के पूर्व संदेश पढ़ा और कहा कि ईश्वर पुत्र प्रभु यीशु मसीह मुक्तिदाता, उध्दारक और शांतिदूत है। इस अवसर पर कैपिटल पास्टर्स फेलोशिप संस्था के अध्यक्ष श्री मार्क रोड्रिक्स, उपाध्यक्ष श्री हनी गार्डनर, कोषाध्यक्ष श्री सी.एस. मालवीय उपस्थित थे।

इसी तरह सेंट जोसफ महागिरजा घर के फादर फ्रांसिस टी ने प्रभु यीशु मसीह के आगमन और उनके उद्देश्यों की जानकारी दी। इस अवसर पर फादर प्रमोद बड़ा तथा फादर देवानंद बाग, ईसाई समुदाय के सदस्यगण सहित राज्यपाल के प्रमुख सचिव श्री पी.सी. दलेई एवं अतिरिक्त सचिव श्री बृजेशचंद्र मिश्र उपस्थित थे।

ढोढ़ाकेसरा में टोनही प्रताड़ना मुख्यमंत्री ने दिए जांच के निर्देश

रायपुर, 21 दिसम्बर 2008 मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने सरगुजा जिले के विकासखण्ड लखनपुर स्थित ग्राम ढोढ़ाकेसरा में भूत-प्रेत भगाने और टोनही के नाम पर लगभग 50 महिलाओं को सार्वजनिक रूप से अपमानित और प्रताड़ित किए जाने की शिकायत को गंभीरता से लिया है। मुख्यमंत्री ने आज इस मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस महानिदेशक श्री विश्वरंजन को सम्पूर्ण घटना की विस्तृत जांच करवाने के निर्देश दिए हैं। डॉ. रमन सिंह ने इस घटना को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण, शर्मनाक अमानवीय और पीड़ादायक बताते हुए कहा है कि जांच में दोषी पाये जाने वाले लोगों पर कानूनी कार्रवाई कर उन्हें कानून के अनुसार सजा दिलायी जाएगी। डॉ. सिंह ने कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने महिलाओं को टोनही के नाम पर प्रताड़ित किए जाने की घटनाओं को गंभीरता से लेकर टोनही प्रताड़ना निवारण कानून वर्ष 2005 से लागू कर दिया है। इसके अंतर्गत दोषी पाये जाने वाले व्यक्तियों को अधिकतम पांच वर्ष की सजा हो सकती है। इसमें जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है। डॉ. रमन सिंह ने महिला एवं बाल विकास विभाग को इस अधिनियम का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने सभी लोगों से आग्रह किया है कि 21वीं सदी के इस वैज्ञानिक युग में हम सब को अंधविश्वासों से दूर रहना चाहिए। डॉ. सिंह ने समाजसेवी संस्थाओं का भी आह्वान किया है कि वे इसके लिए समाज में और भी अधिक वैज्ञानिक दृष्टिकोण जागृत करने का प्रयास करें।

Monday, December 22, 2008

तीन इंजीनियरिंग छात्रों की मौत पर गहरा दुख

छत्‍तीसगढ़ मुख्यमंत्री ने सड़क हादसे में तीन इंजीनियरिंग छात्रों की मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया - रायपुर, 21 दिसम्बर 2008, मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज बीती रात दुर्ग जिले में पुलगांव थाना क्षेत्र के रसमड़ा-पीपरछेड़ी मार्ग पर एक सड़क दुर्घटना में भिलाई नगर के तीन इंजीनियरिंग छात्रों की आकस्मिक मृत्यु पर गहरा दुख च्यक्त किया है। डॉ. सिंह ने तीनों दिवंगत छात्रों - चक्रधरपुर (पश्चिम बंगाल) निवासी पीयूष मिश्रा तथा छत्तीसगढ़ के जिला मुख्यालय रायगढ़ निवासी सुबीर घोष और आकाश आडवाणी के शोक संतप्त परिवारजनों के प्रति गहरी संवेदना और सहानुभूति प्रकट की है। ज्ञातव्य है कि तीनों छात्रों की मोटर सायकल अंधेरे में खड़ी ट्रक से टकरा जाने पर यह दर्दनाक हादसा हुआ।

Friday, December 19, 2008

स्पॉट सोर्स योजनाओं को हरी झंडी

रायपुर, 18 दिसम्बर 2008 छत्तीसगढ़ राज्य शासन द्वारा महासमुंद जिले के 06 गांवों स्थापित होने वाली स्पॉट सोर्स योजनाओं को हरी झंडी दे दी गई है। राज्य शासन ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के माध्यम से इन योजनाओं की स्थापना के लिए 64 लाख 98 हजार रूपए भी मंजूर किये है। विभाग द्वारा जिले के बसना विकासखंड में 53 लाख 28 हजार रूपए से पांच तथा सरायपाली विकासखंड में 11 लाख 70 हजार रूपए से एक स्पॉट सोर्स योजना स्थापित की जाएगी। राज्य शासन इन सभी योजनाओं के तहत कार्य प्रारंभ करने से पहले नलकूपों की जल क्षमता तथा जलस्त्रोतों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश भी विभागीय अधिकारियों को दिए गए है।


लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की व्यवस्था तथा स्थानीय जनता को निस्तारी सुविधा के लिए भी पानी उपलब्ध कराने के लिए राज्य शासन द्वारा चिन्हित गांवों में स्पॉट सोर्स योजनाओं के तहत विभिन्न निर्माण कार्य कराये जा रहे है। महासमुंद जिले के बसना विकासखंड के ग्राम रोहिना में दस लाख 30 हजार रूपए से, ग्राम कोटेनदरहा में दस लाख 20 हजार रूपए से, ग्राम छुईपाली (सेमलिया) में 11 लाख 30 हजार रूपए से, ग्राम सिघनपुर में 12 लाख 06 हजार रूपए से और ग्राम संतपाली में नौ लाख 42 हजार रूपए से स्पॉट सोर्स योजना के तहत गांव में ही नलकूप स्थापित कर ग्रामीणों को विभिन्न स्थानों पर नल की टोटियों युक्त टंकियों के माध्यम से पानी उपलब्ध कराया जाएगा। सरायपाली विकासखंड जिले के ग्राम भोथलडीह में 11 लाख 70 हजार रूपए की लागत से योजना के तहत विभिन्न कार्य कराये जाएंगे। सभी स्पॉट सोर्स योजनाओं के निर्माण कार्य पूर्ण हो जाने पर ग्रामीणों को पीने के साफ पानी के साथ-साथ दैनिक उपयोग के लिए भी भरपूर मात्रा में पानी उपलब्ध हो सकेगा।

Thursday, December 18, 2008

महिला सशक्तिकरण और महिला शिक्षा समाख्या कार्यक्रम

रायपुर, 17 दिसम्बर 2008 - छत्तीसगढ़ में ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण एवं शैक्षणिक विकास के लिए पांच जिलों के पांच विकासखंडों में महिला समाख्या कार्यक्रम चलाया जाएगा। इस संबंध में गठित छत्तीसगढ़ महिला समाख्या सोसायटी ने राज्य में कार्यक्रम को सफलता पूर्वक संचालित करने के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। इस संबंध में आज स्कूल शिक्षा सचिव श्री नंद कुमार की अध्यक्षता में सोसायटी के पेंशन बाड़ा स्थित कार्यालय में हुई कार्यकारिणी की बैठक में कार्यक्रम के संचालन संबंधी विभिन्न प्रस्तावों पर निर्णय लिया गया। बैठक में राजीव गांधी शिक्षा मिशन की प्रबंध संचालक श्रीमती मनिंदर कौर द्विवेदी, आयुक्त (लोक शिक्षण) श्रीमती निधि छिब्बर सहित संचालक महिला एवं बाल विकास विभाग श्री के.आर. पिस्दा, उपायुक्त श्रीमती दीप्ति बनर्जी, विशेष सचिव श्री सुधीर अग्रवाल, उप संचालक पंचायत श्री प्रमोद सिंह तथा समाख्या कार्यक्रम के संचालक श्रीमती शालिनी रामन भी उपस्थित रहीं।

सोसायटी के अध्यक्ष श्री नंद कुमार ने बताया कि प्रदेश में महिलाओं एवं किशोरी बालिकाओं को शिक्षा देने एवं आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से यह कार्यक्रम प्रारंभ किया जा रहा है। देश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत समाख्या कार्यक्रम 1989 में प्रारंभ किया गया था, जोकि वर्तमान में देश के ग्यारह राज्यों में 93 जिलों के 273 विकासखंडों में संचालित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में इस वर्ष रायपुर जिले के देवभोग, बिलासपुर जिले के गौरेला, सरगुजा जिले के मैनपाट, बस्तर जिले के बस्तर एवं दंतेवाड़ा जिले के दंतेवाड़ा विकासखंड में समाख्या कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है। श्री नंद कुमार ने इस कार्यक्रम के छत्तीसगढ़ में सफलता पूर्वक संचालन और अपेक्षित परिणाम प्राप्त करने संबंधी तैयारियों की भी व्यापक जानकारी ली।

श्री नंद कुमार ने बताया कि भारत शासन द्वारा पूर्णत: वित्तीय सहायता प्राप्त समाख्या कार्यक्रम के तहत छत्तीसगढ़ के महिला साक्षरता में पिछड़े विकासखंडों को शामिल किया गया है। जिनका चयन सोसायटी की पूर्व में हुई बैठकों में विचार-विमर्श के बाद किया गया था। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के संचालन में राज्य तथा जिला स्तर पर पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों का चयन, कार्य योजना सहित सोसायटी की मानव संसाधन प्रबंधन नीति एवं नियमों का निर्धारण कर लिया गया है। ग्राम स्तर पर कार्य करने के लिए महिला-सहयोगियों (सहयोगिनियों) का चयन किया जा रहा है। साथ ही जिला स्तर पर स्त्रोत अधिकारी और कार्यालयीन कार्यो के लिए कर्मचारियों की नियुक्ति भी की जा रही है। राज्य एवं जिला स्तर पर आधारभूत संरचना जैसे भवन, फर्नीचर, कार्यालयीन उपकरण आदि की भी व्यवस्था की जा रही है। आवश्यकतानुसार कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए शासकीय नियमानुसार विज्ञापन आदि जारी कर भर्ती प्रक्रिया की जा रही है। बैठक में कर्मचारियों एवं पदाधिकारियों अधिकारियों के कार्यों संबंधी जिम्मेदारियों का निर्धारण, वेतनमान, अवकाश, यात्रा भत्ता, संचार सुविधाएं आदि के लिए भी नीति एवं नियमों का निर्धारण किया गया।

Tuesday, December 16, 2008

मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने किया नये वर्ष 2009 के कैलेण्डर का विमोचन

रायपुर, 13 दिसम्बर 2008 - मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज यहां मंत्रालय में छत्तीसगढ़ राज्य बेवरेजेस कार्पोरेशन द्वारा प्रकाशित आगामी वर्ष 2009 के सचित्र कैलेण्डर का विमोचन किया। यह कैलेण्डर रंग-बिरंगे फूलों के आकर्षक चित्रों से सुसज्जित है। कैलेण्डर में शामिल सभी छायाचित्रों की फोटोग्राफी बेवरेजेस कार्पोरेशन के प्रबंध संचालक श्री अजय सिंह द्वारा की गई है। श्री अजय सिंह ने मुख्यमंत्री को इस कैलेण्डर के चित्रों की खूबियों की जानकारी दी। डॉ. रमन सिंह ने कैलेण्डर के प्रकाशन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए सभी लोगों को आगामी नये वर्ष 2009 की शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री पी.जॉय उम्मेन, राज्य निर्वाचन आयुक्त श्री शिवराज सिंह, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री विवेक ढांड, बेवरेजेस कार्पोरेशन के अपर आयुक्त आबकारी श्री समुद्र सिंह, महाप्रबंधक श्री आर.एस.ठाकुर और संस्था के अन्य अनेक वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

Saturday, December 13, 2008

श्री राजेंद्र अनुरागी के निधन पर शोक

मध्‍य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने कवि-साहित्यकार और जनसंपर्क विभाग के पूर्व उप संचालक श्री राजेंद्र अनुरागी के निधन पर शोक व्यक्त किया है।

श्री चौहान ने अपने शोक संदेश में कहा कि श्री अनुरागी के निधन से प्रदेश ने एक वरिष्ठ साहित्यसेवी खो दिया है। श्री चौहान ने ईश्वर से दिवंगत आत्मा को शांति देने और शोक संतप्त परिजनों को इस दुख को सहन करने की शक्ति देने की प्रार्थना की है।

हर व्यक्ति को होगा विकास की मुख्य धारा से जुड़ने का एहसास

मुख्यमंत्री ने मंत्रालय में संभाला कार्यभार - रायपुर, 13 दिसम्बर 2008 - छत्तीसगढ़ के दोबारा निर्वाचित मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि राज्य के हर व्यक्ति को विकास की मुख्य धारा से जुड़ने का एहसास होगा। डॉ. सिंह ने कहा कि प्रदेश का प्रत्येक व्यक्ति स्वयं को विकास की मुख्य धारा में जुड़ता हुआ देखे और महसूस करे, यह देखना प्रदेश सरकार की सबसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी होगी। डॉ. सिंह ने आज सवेरे यहां मंत्रालय में पूजा अर्चना के बाद अपना कार्यभार ग्रहण करते हुए इस आशय के विचार व्यक्त किए। उन्होंने राज्य विधानसभा के द्वितीय आम चुनाव में प्राप्त ऐतिहासिक जनादेश के लिए आम जनता को धन्यवाद देते हुए यह विश्वास दिलाया कि जनादेश के अनुरूप आगामी पांच वर्ष में भी वे राज्य को एक बेहतर, संवेदनशील, जवाबदेह और पारदर्शी सरकार देंगे।

डॉ. सिंह ने कहा कि जनता ने जिस आशा और विश्वास के साथ सरकार चलाने के लिए दोबारा अवसर दिया है, उस पर खरा उतरने का हरसंभव प्रयास किया जाएगा। विगत पांच वर्षों की तरह आगामी पांच वर्ष में भी गांव, गरीब और किसान हमारी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले पांच वर्ष में शुरू की गयी जनकल्याणकारी योजनाओं के साथ आगामी पांच वर्ष के लिए घोषणा पत्र में किए गए वायदों को योजनाबध्द ढंग से पूर्ण करना प्रदेश की नवनिर्वाचित सरकार की पहली प्राथमिकता होगी। उन्होंने कहा कि बिजली, पानी, सड़क, स्कूल और अस्पताल जैसी बुनियादी जरूरतों को पूर्ण करने के लिए अधोसरंचना विकास पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाएगा। राज्य के गरीबों में भी सर्वाधिक गरीब लगभग सात लाख परिवारों को अंत्योदय योजना के तहत सिर्फ एक रूपए किलो में और शेष लगभग 30 लाख गरीब परिवारों को सिर्फ दो रूपए किलो में चावल उपलब्ध कराने, किसानों को पांच हार्स पावर तक सिंचाई पम्पों के लिए नि:शुल्क बिजली देने, सभी किसानों को ब्याज मुक्त कृषि ऋण की सुविधा देने, गरीबों को नि:शुल्क नमक प्रदान करने सहित अन्य सभी घोषणाओं का क्रियान्वयन पूरी गंभीरता से किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने राज्य में बिजली के उत्पादन को और अधिक बढ़ाने तथा विद्युत वितरण की व्यवस्था को और बेहतर बनाने का विश्वास दिलाते हुए यह भी कहा कि राज्य के अंतिम छोर के गांव और आखिरी घर तक बिजली, पानी, शिक्षा आदि हर प्रकार की सुविधा पहुंचाना प्रदेश सरकार की अहम जिम्मेदारी होगी। डॉ. सिंह ने कहा कि नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग से सरगुजा संभाग तक सरकार आम जनता और जनप्रतिनिधियों के सहयोग से शांतिपूर्ण विकास के लिए काम करेगी। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में जनता की सुरक्षा के और भी अधिक बेहतर उपाय किए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि राज्य विधानसभा के द्वितीय आम चुनाव में पिछले महीने की 14 और 20 तारीख को हुए मतदान और इस महीने की 08 तारीख को मतगणना में सुस्पष्ट और ऐतिहासिक बहुमत के साथ डॉ. रमन ंसिह ने कल 12 दिसम्बर को यहां पुलिस परेड मैदान में आम जनता के बीच एक बार फिर मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और आज उन्होंने सवेरे यहां मंत्रालय पहुंच कर अपने कार्यालय कक्ष में भगवान श्री गणेश की पूजा-अर्चना के साथ मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार ग्रहण किया। इसके पहले उन्होंने आज सवेरे लगभग पौने ग्यारह बजे मंत्रालय परिसर के मुख्य भवन के प्रथम प्रवेश द्वार पर पूजा-अर्चना के साथ मंत्रालय में प्रवेश किया।

मुख्य सचिव श्री पी.जॉय. उम्मेन और अपर मुख्य सचिव श्री सरजिंयस मिंज सहित मंत्रालय के विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों और मंत्रालयीन कर्मचारियों ने पुष्प गुच्छ भेंट कर मुख्यमंत्री का आत्मीय स्वागत किया और उन्हें बधाई और शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर सर्वश्री रामविचार नेताम, राजेश मूणत, कोमल जंघेल, विजय बघेल, सिध्दनाथ पैकरा, धरम कौशिक और पुन्नूलाल मोहिले सहित अनेक नवनिर्वाचित विधायक तथा राज्य के विभिन्न जिलों से आए अनेक जनप्रतिनिधि भी मौजूद थे।

मुख्यमंत्री के आज यहां मंत्रालय में दोबारा कार्यभार ग्रहण करने के अवसर पर राज्य निर्वाचन आयुक्त श्री शिवराज सिंह, प्रमुख सचिव सर्वश्री विवेक ढांड, टी. राधाकृष्ण, अजय सिंह, सचिव सर्वश्री एन. बैजेन्द्र कुमार, जवाहर श्रीवास्तव, सी.के.खेतान, पी रमेश कुमार, नंदकुमार, पुलिस महानिरीक्षक श्री वाय.के.एस.ठाकुर, उप पुलिस महानिरीक्षक श्री अरूण देव गौतम, संचालक जनसम्पर्क श्री उमेश द्विवेदी, मुख्यमंत्री कार्यालय के उप सचिव श्री आलोक अवस्थी, विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी सर्वश्री विक्रम सिसोदिया, विवेक सक्सेना, अरूण बिसेन तथा विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। सभी लोगों ने डॉ. रमन सिंह को बधाई और शुभकामनाएं दी।

Friday, December 12, 2008

दोबारा मुख्यमंत्री बनने पर संस्कृत बोर्ड अध्यक्ष ने दी बधाई

डॉ. रमन सिंह के प्रयासों से संस्कृत शिक्षा के लिए प्रदेश में बना बेहतर वातावरण : श्री चिन्तामणि सिंह महाराज
रायपुर, 12 दिसम्बर 2008 मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को आज यहां प्रदेश के नवनिर्वाचित मुखिया के रूप में दोबारा शपथ ग्रहण करने पर छत्तीसगढ़ संस्कृत बोर्ड के अध्यक्ष श्री चिन्तामणि सिंह महाराज ने हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। श्री चिन्तामणि सिंह महाराज ने कहा है कि डॉ. रमन सिंह ने अपने पांच वर्ष के प्रथम कार्यकाल में छत्तीसगढ़ में संस्कृत भाषा के विकास और संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने का हरसंभव प्रयास करते हुए संस्कृत बोर्ड को बड़ी उदारता से भरपूर सहयोग दिया। फलस्वरूप राज्य में संस्कृत शिक्षा के लिए एक उत्साहजनक और बेहतर वातावरण निर्मित हुआ है।

बोर्ड अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में इस दौरान जहां राज्य में संस्कृत विद्यालयों की संख्या बारह से बढ़कर 21 तक पहुंच गयी, वहीं पहली बार प्रदेश में शिक्षाकर्मी वर्ग-1 के पदों की भर्ती में संस्कृत विषय को भी विशेष प्राथमिकता दी गयी, ताकि हाईस्कूलों और हायर सेकेण्डरी स्कूलों में संस्कृत भाषा की बेहतर पढ़ाई हो सके। वर्तमान में राज्य के संस्कृत विद्यालयों में एक हजार 791 विद्यार्थी प्रथमा से उत्तर मध्यमा की कक्षाओं में अध्ययनरत हैं। बोर्ड अध्यक्ष श्री चिन्तामणि सिंह महाराज ने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की पहल पर प्रदेश के अन्य विद्यालयों की तरह संस्कृत विद्यालयों में भी प्रथमा से उत्तर मध्यमा तक अध्ययनरत सभी बच्चों को नि:शुल्क पाठय पुस्तक वितरित की गई हैं। उन्हें नि:शुल्क गणवेश भी दिए गए हैं। बालिकाओं को नि:शुल्क सायकल वितरित करने की भी योजना है। इन सब कार्यों के लिए मुख्यमंत्री द्वारा बोर्ड को सत्र 2008-09 में लगभग एक करोड़ रूपए का बजट उपलब्ध कराया गया है। इतना ही नहीं बल्कि उन्होंने संस्कृत विद्यालयों के बच्चों को भी कम्प्यूटर शिक्षा से जोड़ने के लिए अब तक तेरह विद्यालयों को कम्प्यूटर भी प्रदान किए हैं।

बोर्ड अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री को शुभकामनाएं देते हुए यह भी उम्मीद जतायी है कि डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में राज्य में संस्कृत भाषा की शिक्षा और संस्कृत साहित्य के विकास के लिए आगामी पांच वर्षों में और भी अधिक रचनात्मक और उत्साहवर्धक वातावरण बनेगा।

Monday, December 8, 2008

सकारात्मक चिंतन का उपयोग करें दूसरों के दु:ख बांटने में - श्री नरसिम्हन

प्रजापिता ब्रम्हकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन -- रायपुर, 07 दिसम्बर 2008 -- छत्तीसगढ़ के राज्यपाल श्री ई.एस.एल. नरसिम्हन ने कहा कि सकारात्मक चिंतन से सकारात्मक वातावरण का निर्माण होता है जिससे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। निराशावादी एवं नकारात्मक विचारों से दूर रहते हुए हमें अपनी सकारात्मक शक्ति का उपयोग दूसरों की मदद और दुख बांटने के लिए करना चाहिए। उन्होंने कहा कि दूसरों की तकलीफों और समस्याओं को सुनकर भी कई बार हम उनकी मदद करते हैं और अपनी सकारात्मक ऊर्जा उन्हें दे सकते हैं। उक्त विचार श्री नरसिम्हन ने आज रायपुर में प्रजापिता ब्रम्हाकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय तथा वैज्ञानिक अभियंता प्रभाग द्वारा 'सकारात्मक और रचनात्मक जीवन' विषय पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में व्यक्त किए।

श्री नरसिम्हन ने कहा कि भारतीय संस्कृति में दोनों हाथ जोड़कर किए गए प्रणाम से हमें विभिन्न अवयवों में एकात्मकता का बोध होता है जिसे हमें पाश्चात्य संस्कृति का अनुगमन करने के कारण भूलते जा रहे हैं। वहीं साष्टांग चरण स्पर्श कर प्रणाम करने से आदर एवं एकात्म भाव का बोध उत्पन्न होता है जबकि पाश्चात्य संस्कृति में औपचारिकता का। उन्होंने कहा कि नकारात्मक विचार योग्यता की कमी का परिचायक है। मनुष्य को अपने मस्तिष्क में निहित 'अहं' की भावना का परित्याग कर स्वयं को परमपिता ईश्वर में समर्पित कर देना चाहिए। परिस्थितियां हमारे वश में नहीं होती हैं, परमपिता ईश्वर ही सभी बातों को नियंत्रित करते हैं। प्रसिध्द कर्नाटक संत एवं संगीतज्ञ त्यागराज के उध्दरण को याद करते हुए उन्होंने कहा कि धन से अधिक सुख की प्राप्ति ईश्वर की सेवा में है और ईश्वर की सेवा ही मानवता की सेवा है। उन्होंने कहा कि राजयोग परमात्मा तक पहुंचने का मार्ग है जिससे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। उन्होंने आशा व्यक्त किया कि सकारात्मक विचारों से देश में सभी के जीवन में खुशिया एवं आनंद हो।

श्री नरसिम्हन ने कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा के लिए स्टॉक होम में कई निर्णय लिए गए हैं। यदि हम प्राचीन भारतीय वैदिक सभ्यता का अध्ययन करें तो पर्यावरण सुरक्षा का विचार नया नहीं है। हमारे प्राचीन वेद एवं ग्रंथों के अनुसार पशुओं, जीव एवं जंतुओं को देवता तुल्य मानकर पूजा की जाती थी और उन्हें हानि नहीं पहुंचाया जाता था। उन्होंने अपने नाम नरसिम्हन का उदाहरण देते हुए बताया कि भगवान विष्णु ने नरसिंह का रूप लिया वैसे ही सभी जीव-जंतु जैसे शेर को शक्ति का प्रतीक, मोर को कार्तिकेय, मूषक को गणेश, गरूड़ को भगवान विष्णु के वाहक के रूप में देवता के समान पूजा की गई है। वहीं गुणों से युक्त पीपल के वृक्ष एवं तुलसी के पौधे की भी पूजा की जाती थी, उन्हें काटा नहीं जाता था। शुध्द नदी को देवता मानकर लोग स्नान करते थे लेकिन आज हम अपने मूल्यों एवं विश्वासों को भूलते जा रहे हैं और इसे याद करने के लिए हमें स्टॉक होम जाना पड़ता है।

श्री नरसिम्हन ने कहा कि एक ऐसा भी दौर गुजरा है जब आध्यात्म और विज्ञान को परस्पर विरोधी रूप में देखा जाता था और जिसमें संघर्ष के स्वर मुखर होते थे। लेकिन आज दुनिया ने दोनों की सार्थकता और समन्वय के महत्व को समझा है। मानवता के हित के लिए विज्ञान एवं आध्यात्म का समन्वय बहुत जरूरी है। भौतिकवादी सुखों के पीछे बेतहाशा भागना जीवन में संतुष्टि नहीं लाता, बल्कि मानसिक अस्थिरता, तनाव और रोष उत्पन्न करता है। इस दौड़ में जीवन के वास्तविक लक्ष्यों को भूलना आज के समय की एक बड़ी समस्या है। मन की शांति और खुशियां अनमोल है, इन्हें खरीदा नहीं जा सकता। कई बार जहां अत्यधिक धन एवं संपत्ति होने के बावजूद लोगों को मन की शांति प्राप्त नहीं होती। वहीं दूसरी ओर सुविधाहीन एवं गरीब व्यक्ति के मन में शांति हो तो वह खुश रह सकता है।

श्री नरसिम्हन ने कहा है कि हमने अपनी जरूरतों के लिए प्रकृति का अविवेकपूर्वक दोहन किया है। इस कारण आज पूरी पृथ्वी पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। बात चाहे ओजोन छतरी के कमजोर होने की हो या ग्रीन हाउस प्रभाव, ग्लोबल वार्मिंग, पृथ्वी का तापमान बढ़ने, ग्लेशियरों के तेजी से पिघलने तथा अम्लीय वर्षा होने जैसी घटना के होने की। पृथ्वी पर इतने अधिक संकट कभी नहीं रहे। इस संकट का जिम्मेदार मनुष्य स्वयं है। प्रकृति मेें मानवीय जरूरतों को पूरा करने की तो क्षमता है लेकिन वह मनुष्य के लोभ को पूरा नहीं कर सकती। पृथ्वी और प्रकृति को बचाने के लिए यह जरूरी है नेचर (प्राकृतिक तत्वों) पर लालचपूर्ण नियंत्रण करने के स्थान पर मनुष्य अपने नेचर (स्वभाव) पर नियंत्रण करे।

जोनल डायरेक्टर इंदौर श्री ओमप्रकाशजी भाई ने कहा कि विज्ञान एवं टेक्नॉलाजी ने मनुष्य को सुविधाएं एवं साधन प्रदान किए लेकिन इसके साथ ही समाज में चिंता, तनाव एवं निराशा बढ़ने लगी। उन्होंने कहा कि ये परिस्थितियां विज्ञान एवं टेक्नॉलाजी में नहीं बल्कि मानव ने स्वयं निर्मित की है। आवश्यकता इस बात की है कि मनुष्य अपने विचारों में बदलाव लाए और निराशावादी विचारों के स्थान पर सकारात्मक विचारों को महत्व दें। उन्होंने पर्यावरण प्रदूषण तथा इसके नकारात्मक परिणामों की भी चर्चा की। राष्ट्रीय समन्वयक वैज्ञानिक एवं अभियंता प्रभाग श्री बी. के. मोहन सिंघल ने कहा कि जीवन के सभी पहलुओं में आध्यात्मिकता एवं मूल्यों का समावेश होना चाहिए तथा राजयोग के माध्यम से समस्याओं का समाधान प्राप्त करना चाहिए। संस्था की जोनल इंचार्ज छत्तीसगढ़ कमला बहन जी ने कहा कि विश्व में व्याप्त तमाम दुख, भय, निराशा जैसी चुनौतियों का सामना आध्यात्मिकता से ही किया जा सकता है। कार्यकारी संचालक वित्ता भिलाई स्टील प्लांट श्री टी.के. गुप्ता ने कहा कि आनंद को देवताओं ने हृदय में स्थान दिया है, इसलिए आनंद का घर हृदय में ही है। हर सफलता के लिए हृदय तक पहुंचने की कला आनी चाहिए। इस अवसर पर पानीपत के प्रबंधक टे्रनर श्री बी.के. भारतभूषण ने पर्यावरण की सुरक्षा के लिए सभी को शपथ दिलाई।

इस अवसर पर 'पृथ्वी ग्रह को बचाओं' स्टेप परियोजना का शुभांरभ राज्यपाल ने किया। इस परियोजना का उद्देश्य जन साधारण को पर्यावरण की दिशा में प्रेरित करना है। श्री नरसिम्हन ने इस परियोजना को पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया। राज्यपाल ने पर्यावरण संरक्षण पर आधारित 'पृथ्वी ग्रह को बचाओ' प्रर्दशनी का भी शुभारंभ किया। इस मौके पर धमतरी की नवनीता बहन ने गीत गाया एवं कार्यक्रम का संचालन ब्रम्हकुमारी माधुरी बहन ने किया।