डॉ. रमन सिंह के प्रयासों से संस्कृत शिक्षा के लिए प्रदेश में बना बेहतर वातावरण : श्री चिन्तामणि सिंह महाराज
रायपुर, 12 दिसम्बर 2008 मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को आज यहां प्रदेश के नवनिर्वाचित मुखिया के रूप में दोबारा शपथ ग्रहण करने पर छत्तीसगढ़ संस्कृत बोर्ड के अध्यक्ष श्री चिन्तामणि सिंह महाराज ने हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। श्री चिन्तामणि सिंह महाराज ने कहा है कि डॉ. रमन सिंह ने अपने पांच वर्ष के प्रथम कार्यकाल में छत्तीसगढ़ में संस्कृत भाषा के विकास और संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने का हरसंभव प्रयास करते हुए संस्कृत बोर्ड को बड़ी उदारता से भरपूर सहयोग दिया। फलस्वरूप राज्य में संस्कृत शिक्षा के लिए एक उत्साहजनक और बेहतर वातावरण निर्मित हुआ है।
बोर्ड अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में इस दौरान जहां राज्य में संस्कृत विद्यालयों की संख्या बारह से बढ़कर 21 तक पहुंच गयी, वहीं पहली बार प्रदेश में शिक्षाकर्मी वर्ग-1 के पदों की भर्ती में संस्कृत विषय को भी विशेष प्राथमिकता दी गयी, ताकि हाईस्कूलों और हायर सेकेण्डरी स्कूलों में संस्कृत भाषा की बेहतर पढ़ाई हो सके। वर्तमान में राज्य के संस्कृत विद्यालयों में एक हजार 791 विद्यार्थी प्रथमा से उत्तर मध्यमा की कक्षाओं में अध्ययनरत हैं। बोर्ड अध्यक्ष श्री चिन्तामणि सिंह महाराज ने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की पहल पर प्रदेश के अन्य विद्यालयों की तरह संस्कृत विद्यालयों में भी प्रथमा से उत्तर मध्यमा तक अध्ययनरत सभी बच्चों को नि:शुल्क पाठय पुस्तक वितरित की गई हैं। उन्हें नि:शुल्क गणवेश भी दिए गए हैं। बालिकाओं को नि:शुल्क सायकल वितरित करने की भी योजना है। इन सब कार्यों के लिए मुख्यमंत्री द्वारा बोर्ड को सत्र 2008-09 में लगभग एक करोड़ रूपए का बजट उपलब्ध कराया गया है। इतना ही नहीं बल्कि उन्होंने संस्कृत विद्यालयों के बच्चों को भी कम्प्यूटर शिक्षा से जोड़ने के लिए अब तक तेरह विद्यालयों को कम्प्यूटर भी प्रदान किए हैं।
बोर्ड अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री को शुभकामनाएं देते हुए यह भी उम्मीद जतायी है कि डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में राज्य में संस्कृत भाषा की शिक्षा और संस्कृत साहित्य के विकास के लिए आगामी पांच वर्षों में और भी अधिक रचनात्मक और उत्साहवर्धक वातावरण बनेगा।
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