अब तक लगभग 1 करोड़ 30 लाख टन धान की खरीद
अक्तूबर-दिसम्बर, 2008 के दौरान 52 लाख टन चीनी खुली बिक्री के लिये उपलब्ध करायी जाएगी
खाद्यान्न, खाद्य तेलों और चीनी की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने और इन सामग्रियों की कीमतों को नियंत्रित रखने के उद्देश्य से सरकार ने कई उपाय किए हैं ।
खरीफ मौसम 2007-08 के दौरान 30 सितम्बर, 2008 तक 284 लाख 29 हजार टन धान की खरीद की गई , जबकि खरीफ मौसम 2006-07 के दौरान कुल मिलाकर 251 लाख 7 हजार टन धान की खरीद की गई थी । यह 13.28 प्रतिशत वृध्दि दर्शाता है। पहली अक्तूबर, 2008 से खरीफ मौसम 2008-09 की शुरूआत से लेकर 3 नवम्बर, 2008 तक 129 लाख 83 लाख टन धान की खरीद की गई है जबकि मौसम 2007-08 की इसी अवधि के दौरान 115 लाख एक हजार टन धान की खरीद की गई थी ।
अनुमान किया जाता है कि पहली अप्रैल 2009 को 81 लाख 35 हजार टन गेहूं का भंडार होगा जबकि इसके लिए बफर मात्रा 40 लाख टन का है । इसी प्रकार अनुमान किया जाता है कि पहली अक्तूबर 2008 को चावल भंडार 64 लाख 13 हजार टन का होगा जबकि इसके लिए बफर मात्रा 52 लाख टन का है ।
केन्द्र सरकार ने अक्तूबर-दिसम्बर, 2008 की तिमाही के लिए 52 लाख टन गैर-लेवी चीनी उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है जबकि पिछले गन्ना सीजन की इसी तिमाही (अक्तूबर-दिसम्बर, 2007) के दौरान 42 लाख टन चीनी उपलब्ध करायी गई थी ।
सरकारी सहायता प्राप्त खाद्य तेलों के वितरण हेतु योजना के अधीन राज्य सरकारोंकेन्द्र शासित प्रदेशों के माध्यम से 2008-09 के दौरान अधिकतम 10 लाख टन खाद्य तेलों का वितरण होना था । राज्य सरकारों केन्द्र शासित प्रदेशों से प्राप्त मांगों के अनुसार अब तक 3 लाख 60 हजार टन खाद्य तेलों के आयात हेतु आर्डर दिए गए हैं ।
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