Saturday, December 27, 2008

नगरीय विकास मंत्री ने की नगरीय निकायों के काम-काज की समीक्षा

नगरीय विकास मंत्री श्री राजेश मूणत ने प्रदेश के नगरीय निकायों में संचालित नगर विकास की योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाने का आव्हान किया है। श्री मूणत आज यहां प्रदेश के नगर निगम आयुक्तों एवं नगरपालिका तथा नगर पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने सभी विकास योजनाओं को समय सीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिए। श्री मूणत ने शहरों की सुन्दरता में बाधक अवैध कब्जों को हटाने तथा कॉलोनियों में होने वाले अवैध निर्माण पर रोक लगाने पर जोर दिया।

नगरीय विकास मंत्री श्री राजेश मूणत ने आज यहां प्रदेश के सभी नगरीय निकायों मे संचालित विकास योजनाओं की समीक्षा की। समीक्षा बैठक में उन्होंने नगर निगम आयुक्तों, नगरपालिका एवं नगर पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों से कहा कि सभी विकास योजनाओं को निर्धारित समय सीमा में पूरा किया जाए। इसकी जिम्मेदारी आयुक्तों तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारियों की होगी। उन्होंने नगरीय निकायों की आर्थिक सुदृढ़ता हेतु राजस्व वृध्दि के प्रयास करने पर जोर दिया तथा इसके लिए संचालनालय स्तर पर लक्ष्य निर्धारित कर शत्-प्रतिशत राजस्व प्राप्ति हासिल करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी नगरीय निकायों के लिए विजन प्लान बनाकर कार्य किया जाए। श्री मूणत ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि नगरीय निकायों में संचालित योजनाओं में व्यक्तिगत रूचि लेकर सतत् निगरानी करें तथा निर्माण कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए।

श्री मूणत ने शहरों की सुंदरता में बाधक अवैध कब्जों को हटाने तथा कॉलोनियों एवं बड़े काम्प्लेक्सों में किए जाने वाले अवैध निर्माण पर रोक लगाने के लिए कहा। उन्होंने सभी शॉपिंग काम्प्लेक्स में पार्किंग की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए विशेष अभियान चलाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने नगर निगम आयुक्तों एवं नगरपालिका के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों से कहा कि वे आम जनता की समस्याओं के निराकरण के लिए समय निर्धारित कर उसे सार्वजनिक करें तथा उस वक्त अपनी उपलब्धता सुनिश्चित करें। उन्होंने कार्यालयीन कार्यों में पारदर्शिता लाने तथा विभागीय स्टॉफ पर नियंत्रण रखने के भी निर्देश दिए। बैठक में सचिव नगरीय प्रशासन श्री सी.के. खेतान एवं अपर संचालक श्री हेमंत पहारे सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

खेती-किसानी का विकास किसानों का अधिकार : डॉ. रमन सिंह

धान पर 270 रूपए प्रति क्विंटल बोनस देने के निर्णय पर किसानों ने किया मुख्यमंत्री का भव्य अभिनन्दन
एक हजार 120 रूपए प्रति क्विंटल दर से धान खरीदने वाला छत्तीसगढ़ देश का एक मात्र राज्य : कृषि मंत्री श्री साह
रायपुर, 27 दिसम्बर 2008 मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि राज्य सरकार द्वारा किसानों के हित में चलाए जा रहे विकास कार्य और खेती-किसानी से संबंधित हर योजना वास्तव में छत्तीसगढ़ के मेहनतकश किसानों का अधिकार है। राज्य सरकार ने अपनी कर्त्तव्य भावना से उन्हें जो कुछ भी दिया है वह तो उनका हक है और उन्हें अपना यह अधिकार मिलने पर किसी के स्वागत या अभिनन्दन की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के किसान खुशहाल होंगे, तभी राज्य का सही मायने में विकास हो सकेगा। डॉ. सिंह आज राजधानी रायपुर स्थित शहीद स्मारक भवन में आयोजित अभिनन्दन समारोह में राज्य भर से आए किसानों को सम्बोधित कर रहे थे। समारोह में मुख्यमंत्री सहित कृषि मंत्री श्री चन्द्रशेखर साहू को 12 जिलों के किसानों ने अभिनन्दन पत्र सौंप कर धान पर 270 रूपए प्रति क्विंटल बोनस देने के निर्णय के लिए उनको धन्यवाद दिया। मुख्यमंत्री ने भी अपने उद्बोधन में इस अभिनन्दन के लिए राज्य सरकार की तरफ से प्रदेश के सभी किसानों का आभार व्यक्त किया। समारोह का आयोजन छत्तीसगढ़ कृषक बिरादरी एवं छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ एग्रीकल्चर रायपुर द्वारा किया गया था।

डॉ. रमन सिंह ने समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि राज्य में खेती-किसानी के विकास के लिए कभी भी पैसे की कमी नहीं होने दी जाएगी। राज्य सरकार अपने संसाधनों से किसानों और कृषि के विकास के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। इसके लिए पिछले कार्यकाल में कई काम किए गए हैं और जो शेष रह गए हैं, उन्हें इस कार्यकाल में पूरा किया जाएगा। डॉ. सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार केन्द्र सरकार के लिए धान खरीदी करने का एक जरिया मात्र है। राज्य सरकार किसानों से धान खरीद कर उसका अधिकांश भाग भारतीय खाद्य निगम के माध्यम से केन्द्र के पूल में भेज देती है। केन्द्र के पूल में धान देने के मामले में छत्तीसगढ़ के किसान पूरे देश में तीसरे-चौथे स्थान पर हैं। डॉ. सिंह ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा धान का समर्थन मूल्य एक हजार रूपए किए जाने की मांग न मानने पर ही राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से प्रदेश के किसानों को धान का 270 रूपए प्रति क्विंटल बोनस की घोषणा कर किसानों की खुशहाली के लिए अपनी प्रतिबध्दता जाहिर कर दी है। राज्य सरकार किसानों के विकास और कृषि क्षेत्र में स्वावलंबन प्राप्त करने की दीर्घकालीन योजना पर काम कर रही है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के किसानों से खेती के साथ-साथ उसके सहायक धन्धों जैसे सब्जी उत्पादन, मछली पालन आदि को अपना कर अधिक से अधिक लाभ कमाने की भी अपील की।

कृषि मंत्री श्री चन्द्रशेखर साहू ने किसानों को सम्बोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार अपने संकल्प पत्र के प्रत्येक बिन्दु को लागू करने के लिए प्रतिबध्द है और किसानों को धान पर 270 रूपए प्रति क्विटल बोनस घोषित कर इसकी शुरूआत कर दी गयी है। उन्होंने कहा कि 20 अक्टूबर और उसके बाद खरीदे गए धान पर यह बोनस किसानों को दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में खेती की अपार संभावनाएं हैं और छत्तीसगढ़ी किसानों की कई देशी तकनीके भी उत्पादन बढ़ाने में सहायक हो सकती है। श्री साहू ने किसानों से सिंचित रकबे में उद्यानिकी फसलों को अनिवार्यत: लगाने की भी अपील की। उन्होंने किसानों के लिए बिना ब्याज के कृषि ऋण उपलब्ध कराने की सरकार की मंशा की भी जानकारी दी। कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने पहले ही खेती किसानी के लिए मिलने वाले कर्ज पर ब्याज दर घटाकर तीन प्रतिशत कर दी है और अब सरकार की योजना है कि किसान लिए गए कर्ज का केवल मुलधन ही वापस करे। इसकी शुरूआत भी डॉ. रमन सिंह ने डेयरी व्यवसाय के लिए दूध उत्पादक किसानों को तीन प्रतिशत ब्याज पर ऋण देने की घोषणा से कर दी है।

अभिनन्दन समारोह में जिला पंचायत रायपुर के अध्यक्ष श्री अशोक बजाज, मार्कफेड के अध्यक्ष श्री राधेश्याम गुप्ता, पूर्व विधायक श्री चंदूलाल साहू, छत्तीसगढ़ कृषक बिरादरी के मुखिया श्री जय नारायण अग्रवाल सहित कृषि विशेषज्ञ डॉ. संकेत ठाकुर, श्री रजनीश अवस्थी, श्री चन्द्रहास चन्द्राकर और बड़ी संख्या में प्रदेश भर से आए किसान उपस्थित थे।

Friday, December 26, 2008

छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड द्वारा किये जा रहे कार्यो की उपराष्ट्रपति द्वारा सराहना

रायपुर, 26 दिसम्बर 2008 मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से आज यहां उनके निवास पर छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष श्री सलीम अशरफी ने सौजन्य मुलाकात कर संयुक्त संसदीय समिति (वक्फ) राज्यसभा द्वारा नई दिल्ली में आयोजित बैठक की जानकारी दी। संयुक्त संसदीय समिति की बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड को राज्य शासन द्वारा उपलब्ध करायी जा रही सहायता और राज्य वक्फ बोर्ड के कार्यो की प्रशंसा की गई। श्री अशरफी ने मुख्यमंत्री को बताया कि इस बैठक में उप-राष्ट्रपति श्री मोहम्मद हामिद अंसारी, केन्द्रीय मंत्री अल्पसंख्यक मंत्रालय श्री ए.आर. अंतुले, लोक सभा अध्यक्ष श्री सोमनाथ चटर्जी एवं संयुक्त संसदीय समिति (वक्फ) के अध्यक्ष श्री के. रहमान सहित 32 लोक सभा सांसद एवं वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित हुए।

श्री अशरफी ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य में वक्फ बोर्ड की एक हजार 811 परिसम्पतियां है, सरकार द्वारा नियुक्त सर्वेक्षण आयुक्त की देखरेख में वक्फ सम्पतियों का सर्वेक्षण एक वर्ष पूर्व दिसम्बर 2007 में किया गया। सर्वे में अगस्त 2008 तक 143 अतिरिक्त वक्फ सम्पतियों की पहचान की गई। इसका अनुमानित बाजार मूल्य लगभग 37 करोड़ रूपये है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की पहल पर 2007-08 वक्फ सर्वेक्षण के लिए 26 लाख 85 हजार रूपये की अनुदान राशि दी गई। वक्फ सम्पतियों पर अतिक्रमण हटाने के लिए बोर्ड द्वारा कार्यवाही की जा रही है। अतिक्रमण की कुल परिसम्पतियों का वर्तमान बाजार मूल्य 137 करोड़ 63 लाख रूपये है। श्री अशरफी ने बताया कि संयुक्त संसदीय समिति राज्य सभा नई दिल्ली द्वारा वक्फ संबंधी संयुक्त समिति का प्रतिवेदन पुस्तिका का प्रकाशन किया गया है जिसे संसद में प्रस्तुत किया गया। जिसमें छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड को छोड़कर अन्य वक्फ बोर्ड के कार्यो पर टिप्पणी/सुझाव दिया है। बैठक में सभी राज्य के वक्फ बोर्ड को समझाईश दी गई कि वे छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के कार्यो का अनुशरण करें।

श्री अशरफी ने प्रदेश सरकार द्वारा वक्फ बोर्ड को दिये जा रहे सहयोग के लिए मुख्यमंत्री के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने अल्प समय में बोर्ड को अनुदान राशि प्रदान की है इससे बोर्ड के क्रियाकलापों में गति आयी है।

अब तक 14.74 लाख मीटरिक टन से अधिक धान की खरीदी

रायपुर, 26 दिसम्बर 2008 - राज्य में प्राथमिक सहकारी समितियों के एक हजार 577 उपार्जन केन्द्रों में चालू खरीफ विपणन वर्ष में किसानों से अब तक समर्थन मूल्य पर 14 लाख 74 हजार 593 मीटरिक टन धान की खरीदी की जा चुकी है। राज्य शासन द्वारा धान खरीदी का यह विशेष अभियान अक्टूबर महीने की 20 तारीख से शुरू की गई है।

छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि प्राथमिक सहकारी समितियों के माध्यम से अब तक रायपुर जिले में सर्वाधिक तीन लाख 91 हजार 37 मीटरिक टन धान की खरीदी की गई है। इसी प्रकार कवर्धा में 21 हजार 424 मीटरिक टन, कांकेर में 34 हजार 498, कोरबा में 6 हजार 177, कोरिया में 6 हजार 521, जशपुर में 6 हजार 844, जांजगीर-चांपा में 94 हजार 883, दंतेवाड़ा में एक हजार 710, दुर्ग में 2 लाख 13 हजार 80, धमतरी में एक लाख 55 हजार 323, बस्तर (जगदलपुर) में 12 हजार 523, बिलासपुर में 85 हजार 77, महासमुंद में एक लाख 94 हजार 51, राजनांदगांव में 60 हजार 861, रायगढ़ में एक लाख 44 हजार 134 तथा सरगुजा जिले के 46 हजार 441 मीटरिक टन धान की खरीदी अब तक की गई है।

Wednesday, December 24, 2008

मुख्यमंत्री निवास पर कैरोल गायन

रायपुर, 22 दिसम्बर 2008 मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के निवास पर आज यहां बैरन बाजार कैथाड्रल चर्च से आए गायन दल ने कैरोल गीत प्रस्तुत किए और देश और दुनिया की सुख, शांति और समृद्वि की कामना की। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कैरोल गायन दल के सदस्यों को आगामी 25 दिसम्बर को मनाए जाने वाले क्रिसमस पर्व की बधाई और शुभकामनाएं दीं। गायन दल के सदस्यों ने भी मुख्यमंत्री को क्रिसमस की शुभकामनाएं दी।

बैरन बाजार कैथाड्रल चर्च के अध्यक्ष फॉदर श्री फ्रांसिस के नेतृत्व में आए कैरोल गायन दल में फॉदर श्री प्रमोद, फॉदर श्री देवानंद, श्री आइजेक मिंज, श्री एडवर्ड एक्का और श्रीमती सुशीला तिग्गा सहित दल के तीस सदस्य शामिल थे।

राजभवन में कैरोल सांग का गायन

रायपुर, 22 दिसम्बर 2008 प्रभु ईसा मसीह के जन्मदिवस क्रिसमस के अवसर पर गत दिनों राजभवन में कैपिटल पास्टर्स फेलोशिप द्वारा तथा सेंट जोसफ महागिरजाघर बैरन बाजार द्वारा कैरोल सांग का गायन किया गया।

इस अवसर पर राज्यपाल श्री ई.एस.एल. नरसिम्हन ने प्रदेश के सभी नागरिकों को क्रिसमस की हार्दिक शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि प्रभु यीशु मसीह ने शांति, समानता और मानवता के जो संदेश दिए उसका व्यापक प्रचार-प्रसार किए जाने की जरूरत है। इस अवसर पर श्री टी. डेनियल ने कैरोल सांग के गायन के पूर्व संदेश पढ़ा और कहा कि ईश्वर पुत्र प्रभु यीशु मसीह मुक्तिदाता, उध्दारक और शांतिदूत है। इस अवसर पर कैपिटल पास्टर्स फेलोशिप संस्था के अध्यक्ष श्री मार्क रोड्रिक्स, उपाध्यक्ष श्री हनी गार्डनर, कोषाध्यक्ष श्री सी.एस. मालवीय उपस्थित थे।

इसी तरह सेंट जोसफ महागिरजा घर के फादर फ्रांसिस टी ने प्रभु यीशु मसीह के आगमन और उनके उद्देश्यों की जानकारी दी। इस अवसर पर फादर प्रमोद बड़ा तथा फादर देवानंद बाग, ईसाई समुदाय के सदस्यगण सहित राज्यपाल के प्रमुख सचिव श्री पी.सी. दलेई एवं अतिरिक्त सचिव श्री बृजेशचंद्र मिश्र उपस्थित थे।

ढोढ़ाकेसरा में टोनही प्रताड़ना मुख्यमंत्री ने दिए जांच के निर्देश

रायपुर, 21 दिसम्बर 2008 मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने सरगुजा जिले के विकासखण्ड लखनपुर स्थित ग्राम ढोढ़ाकेसरा में भूत-प्रेत भगाने और टोनही के नाम पर लगभग 50 महिलाओं को सार्वजनिक रूप से अपमानित और प्रताड़ित किए जाने की शिकायत को गंभीरता से लिया है। मुख्यमंत्री ने आज इस मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस महानिदेशक श्री विश्वरंजन को सम्पूर्ण घटना की विस्तृत जांच करवाने के निर्देश दिए हैं। डॉ. रमन सिंह ने इस घटना को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण, शर्मनाक अमानवीय और पीड़ादायक बताते हुए कहा है कि जांच में दोषी पाये जाने वाले लोगों पर कानूनी कार्रवाई कर उन्हें कानून के अनुसार सजा दिलायी जाएगी। डॉ. सिंह ने कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने महिलाओं को टोनही के नाम पर प्रताड़ित किए जाने की घटनाओं को गंभीरता से लेकर टोनही प्रताड़ना निवारण कानून वर्ष 2005 से लागू कर दिया है। इसके अंतर्गत दोषी पाये जाने वाले व्यक्तियों को अधिकतम पांच वर्ष की सजा हो सकती है। इसमें जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है। डॉ. रमन सिंह ने महिला एवं बाल विकास विभाग को इस अधिनियम का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने सभी लोगों से आग्रह किया है कि 21वीं सदी के इस वैज्ञानिक युग में हम सब को अंधविश्वासों से दूर रहना चाहिए। डॉ. सिंह ने समाजसेवी संस्थाओं का भी आह्वान किया है कि वे इसके लिए समाज में और भी अधिक वैज्ञानिक दृष्टिकोण जागृत करने का प्रयास करें।

Monday, December 22, 2008

तीन इंजीनियरिंग छात्रों की मौत पर गहरा दुख

छत्‍तीसगढ़ मुख्यमंत्री ने सड़क हादसे में तीन इंजीनियरिंग छात्रों की मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया - रायपुर, 21 दिसम्बर 2008, मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज बीती रात दुर्ग जिले में पुलगांव थाना क्षेत्र के रसमड़ा-पीपरछेड़ी मार्ग पर एक सड़क दुर्घटना में भिलाई नगर के तीन इंजीनियरिंग छात्रों की आकस्मिक मृत्यु पर गहरा दुख च्यक्त किया है। डॉ. सिंह ने तीनों दिवंगत छात्रों - चक्रधरपुर (पश्चिम बंगाल) निवासी पीयूष मिश्रा तथा छत्तीसगढ़ के जिला मुख्यालय रायगढ़ निवासी सुबीर घोष और आकाश आडवाणी के शोक संतप्त परिवारजनों के प्रति गहरी संवेदना और सहानुभूति प्रकट की है। ज्ञातव्य है कि तीनों छात्रों की मोटर सायकल अंधेरे में खड़ी ट्रक से टकरा जाने पर यह दर्दनाक हादसा हुआ।

Friday, December 19, 2008

स्पॉट सोर्स योजनाओं को हरी झंडी

रायपुर, 18 दिसम्बर 2008 छत्तीसगढ़ राज्य शासन द्वारा महासमुंद जिले के 06 गांवों स्थापित होने वाली स्पॉट सोर्स योजनाओं को हरी झंडी दे दी गई है। राज्य शासन ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के माध्यम से इन योजनाओं की स्थापना के लिए 64 लाख 98 हजार रूपए भी मंजूर किये है। विभाग द्वारा जिले के बसना विकासखंड में 53 लाख 28 हजार रूपए से पांच तथा सरायपाली विकासखंड में 11 लाख 70 हजार रूपए से एक स्पॉट सोर्स योजना स्थापित की जाएगी। राज्य शासन इन सभी योजनाओं के तहत कार्य प्रारंभ करने से पहले नलकूपों की जल क्षमता तथा जलस्त्रोतों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश भी विभागीय अधिकारियों को दिए गए है।


लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की व्यवस्था तथा स्थानीय जनता को निस्तारी सुविधा के लिए भी पानी उपलब्ध कराने के लिए राज्य शासन द्वारा चिन्हित गांवों में स्पॉट सोर्स योजनाओं के तहत विभिन्न निर्माण कार्य कराये जा रहे है। महासमुंद जिले के बसना विकासखंड के ग्राम रोहिना में दस लाख 30 हजार रूपए से, ग्राम कोटेनदरहा में दस लाख 20 हजार रूपए से, ग्राम छुईपाली (सेमलिया) में 11 लाख 30 हजार रूपए से, ग्राम सिघनपुर में 12 लाख 06 हजार रूपए से और ग्राम संतपाली में नौ लाख 42 हजार रूपए से स्पॉट सोर्स योजना के तहत गांव में ही नलकूप स्थापित कर ग्रामीणों को विभिन्न स्थानों पर नल की टोटियों युक्त टंकियों के माध्यम से पानी उपलब्ध कराया जाएगा। सरायपाली विकासखंड जिले के ग्राम भोथलडीह में 11 लाख 70 हजार रूपए की लागत से योजना के तहत विभिन्न कार्य कराये जाएंगे। सभी स्पॉट सोर्स योजनाओं के निर्माण कार्य पूर्ण हो जाने पर ग्रामीणों को पीने के साफ पानी के साथ-साथ दैनिक उपयोग के लिए भी भरपूर मात्रा में पानी उपलब्ध हो सकेगा।

Thursday, December 18, 2008

महिला सशक्तिकरण और महिला शिक्षा समाख्या कार्यक्रम

रायपुर, 17 दिसम्बर 2008 - छत्तीसगढ़ में ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण एवं शैक्षणिक विकास के लिए पांच जिलों के पांच विकासखंडों में महिला समाख्या कार्यक्रम चलाया जाएगा। इस संबंध में गठित छत्तीसगढ़ महिला समाख्या सोसायटी ने राज्य में कार्यक्रम को सफलता पूर्वक संचालित करने के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। इस संबंध में आज स्कूल शिक्षा सचिव श्री नंद कुमार की अध्यक्षता में सोसायटी के पेंशन बाड़ा स्थित कार्यालय में हुई कार्यकारिणी की बैठक में कार्यक्रम के संचालन संबंधी विभिन्न प्रस्तावों पर निर्णय लिया गया। बैठक में राजीव गांधी शिक्षा मिशन की प्रबंध संचालक श्रीमती मनिंदर कौर द्विवेदी, आयुक्त (लोक शिक्षण) श्रीमती निधि छिब्बर सहित संचालक महिला एवं बाल विकास विभाग श्री के.आर. पिस्दा, उपायुक्त श्रीमती दीप्ति बनर्जी, विशेष सचिव श्री सुधीर अग्रवाल, उप संचालक पंचायत श्री प्रमोद सिंह तथा समाख्या कार्यक्रम के संचालक श्रीमती शालिनी रामन भी उपस्थित रहीं।

सोसायटी के अध्यक्ष श्री नंद कुमार ने बताया कि प्रदेश में महिलाओं एवं किशोरी बालिकाओं को शिक्षा देने एवं आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से यह कार्यक्रम प्रारंभ किया जा रहा है। देश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत समाख्या कार्यक्रम 1989 में प्रारंभ किया गया था, जोकि वर्तमान में देश के ग्यारह राज्यों में 93 जिलों के 273 विकासखंडों में संचालित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में इस वर्ष रायपुर जिले के देवभोग, बिलासपुर जिले के गौरेला, सरगुजा जिले के मैनपाट, बस्तर जिले के बस्तर एवं दंतेवाड़ा जिले के दंतेवाड़ा विकासखंड में समाख्या कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है। श्री नंद कुमार ने इस कार्यक्रम के छत्तीसगढ़ में सफलता पूर्वक संचालन और अपेक्षित परिणाम प्राप्त करने संबंधी तैयारियों की भी व्यापक जानकारी ली।

श्री नंद कुमार ने बताया कि भारत शासन द्वारा पूर्णत: वित्तीय सहायता प्राप्त समाख्या कार्यक्रम के तहत छत्तीसगढ़ के महिला साक्षरता में पिछड़े विकासखंडों को शामिल किया गया है। जिनका चयन सोसायटी की पूर्व में हुई बैठकों में विचार-विमर्श के बाद किया गया था। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के संचालन में राज्य तथा जिला स्तर पर पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों का चयन, कार्य योजना सहित सोसायटी की मानव संसाधन प्रबंधन नीति एवं नियमों का निर्धारण कर लिया गया है। ग्राम स्तर पर कार्य करने के लिए महिला-सहयोगियों (सहयोगिनियों) का चयन किया जा रहा है। साथ ही जिला स्तर पर स्त्रोत अधिकारी और कार्यालयीन कार्यो के लिए कर्मचारियों की नियुक्ति भी की जा रही है। राज्य एवं जिला स्तर पर आधारभूत संरचना जैसे भवन, फर्नीचर, कार्यालयीन उपकरण आदि की भी व्यवस्था की जा रही है। आवश्यकतानुसार कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए शासकीय नियमानुसार विज्ञापन आदि जारी कर भर्ती प्रक्रिया की जा रही है। बैठक में कर्मचारियों एवं पदाधिकारियों अधिकारियों के कार्यों संबंधी जिम्मेदारियों का निर्धारण, वेतनमान, अवकाश, यात्रा भत्ता, संचार सुविधाएं आदि के लिए भी नीति एवं नियमों का निर्धारण किया गया।

Tuesday, December 16, 2008

मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने किया नये वर्ष 2009 के कैलेण्डर का विमोचन

रायपुर, 13 दिसम्बर 2008 - मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज यहां मंत्रालय में छत्तीसगढ़ राज्य बेवरेजेस कार्पोरेशन द्वारा प्रकाशित आगामी वर्ष 2009 के सचित्र कैलेण्डर का विमोचन किया। यह कैलेण्डर रंग-बिरंगे फूलों के आकर्षक चित्रों से सुसज्जित है। कैलेण्डर में शामिल सभी छायाचित्रों की फोटोग्राफी बेवरेजेस कार्पोरेशन के प्रबंध संचालक श्री अजय सिंह द्वारा की गई है। श्री अजय सिंह ने मुख्यमंत्री को इस कैलेण्डर के चित्रों की खूबियों की जानकारी दी। डॉ. रमन सिंह ने कैलेण्डर के प्रकाशन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए सभी लोगों को आगामी नये वर्ष 2009 की शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री पी.जॉय उम्मेन, राज्य निर्वाचन आयुक्त श्री शिवराज सिंह, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री विवेक ढांड, बेवरेजेस कार्पोरेशन के अपर आयुक्त आबकारी श्री समुद्र सिंह, महाप्रबंधक श्री आर.एस.ठाकुर और संस्था के अन्य अनेक वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

Saturday, December 13, 2008

श्री राजेंद्र अनुरागी के निधन पर शोक

मध्‍य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने कवि-साहित्यकार और जनसंपर्क विभाग के पूर्व उप संचालक श्री राजेंद्र अनुरागी के निधन पर शोक व्यक्त किया है।

श्री चौहान ने अपने शोक संदेश में कहा कि श्री अनुरागी के निधन से प्रदेश ने एक वरिष्ठ साहित्यसेवी खो दिया है। श्री चौहान ने ईश्वर से दिवंगत आत्मा को शांति देने और शोक संतप्त परिजनों को इस दुख को सहन करने की शक्ति देने की प्रार्थना की है।

हर व्यक्ति को होगा विकास की मुख्य धारा से जुड़ने का एहसास

मुख्यमंत्री ने मंत्रालय में संभाला कार्यभार - रायपुर, 13 दिसम्बर 2008 - छत्तीसगढ़ के दोबारा निर्वाचित मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि राज्य के हर व्यक्ति को विकास की मुख्य धारा से जुड़ने का एहसास होगा। डॉ. सिंह ने कहा कि प्रदेश का प्रत्येक व्यक्ति स्वयं को विकास की मुख्य धारा में जुड़ता हुआ देखे और महसूस करे, यह देखना प्रदेश सरकार की सबसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी होगी। डॉ. सिंह ने आज सवेरे यहां मंत्रालय में पूजा अर्चना के बाद अपना कार्यभार ग्रहण करते हुए इस आशय के विचार व्यक्त किए। उन्होंने राज्य विधानसभा के द्वितीय आम चुनाव में प्राप्त ऐतिहासिक जनादेश के लिए आम जनता को धन्यवाद देते हुए यह विश्वास दिलाया कि जनादेश के अनुरूप आगामी पांच वर्ष में भी वे राज्य को एक बेहतर, संवेदनशील, जवाबदेह और पारदर्शी सरकार देंगे।

डॉ. सिंह ने कहा कि जनता ने जिस आशा और विश्वास के साथ सरकार चलाने के लिए दोबारा अवसर दिया है, उस पर खरा उतरने का हरसंभव प्रयास किया जाएगा। विगत पांच वर्षों की तरह आगामी पांच वर्ष में भी गांव, गरीब और किसान हमारी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले पांच वर्ष में शुरू की गयी जनकल्याणकारी योजनाओं के साथ आगामी पांच वर्ष के लिए घोषणा पत्र में किए गए वायदों को योजनाबध्द ढंग से पूर्ण करना प्रदेश की नवनिर्वाचित सरकार की पहली प्राथमिकता होगी। उन्होंने कहा कि बिजली, पानी, सड़क, स्कूल और अस्पताल जैसी बुनियादी जरूरतों को पूर्ण करने के लिए अधोसरंचना विकास पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाएगा। राज्य के गरीबों में भी सर्वाधिक गरीब लगभग सात लाख परिवारों को अंत्योदय योजना के तहत सिर्फ एक रूपए किलो में और शेष लगभग 30 लाख गरीब परिवारों को सिर्फ दो रूपए किलो में चावल उपलब्ध कराने, किसानों को पांच हार्स पावर तक सिंचाई पम्पों के लिए नि:शुल्क बिजली देने, सभी किसानों को ब्याज मुक्त कृषि ऋण की सुविधा देने, गरीबों को नि:शुल्क नमक प्रदान करने सहित अन्य सभी घोषणाओं का क्रियान्वयन पूरी गंभीरता से किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने राज्य में बिजली के उत्पादन को और अधिक बढ़ाने तथा विद्युत वितरण की व्यवस्था को और बेहतर बनाने का विश्वास दिलाते हुए यह भी कहा कि राज्य के अंतिम छोर के गांव और आखिरी घर तक बिजली, पानी, शिक्षा आदि हर प्रकार की सुविधा पहुंचाना प्रदेश सरकार की अहम जिम्मेदारी होगी। डॉ. सिंह ने कहा कि नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग से सरगुजा संभाग तक सरकार आम जनता और जनप्रतिनिधियों के सहयोग से शांतिपूर्ण विकास के लिए काम करेगी। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में जनता की सुरक्षा के और भी अधिक बेहतर उपाय किए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि राज्य विधानसभा के द्वितीय आम चुनाव में पिछले महीने की 14 और 20 तारीख को हुए मतदान और इस महीने की 08 तारीख को मतगणना में सुस्पष्ट और ऐतिहासिक बहुमत के साथ डॉ. रमन ंसिह ने कल 12 दिसम्बर को यहां पुलिस परेड मैदान में आम जनता के बीच एक बार फिर मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और आज उन्होंने सवेरे यहां मंत्रालय पहुंच कर अपने कार्यालय कक्ष में भगवान श्री गणेश की पूजा-अर्चना के साथ मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार ग्रहण किया। इसके पहले उन्होंने आज सवेरे लगभग पौने ग्यारह बजे मंत्रालय परिसर के मुख्य भवन के प्रथम प्रवेश द्वार पर पूजा-अर्चना के साथ मंत्रालय में प्रवेश किया।

मुख्य सचिव श्री पी.जॉय. उम्मेन और अपर मुख्य सचिव श्री सरजिंयस मिंज सहित मंत्रालय के विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों और मंत्रालयीन कर्मचारियों ने पुष्प गुच्छ भेंट कर मुख्यमंत्री का आत्मीय स्वागत किया और उन्हें बधाई और शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर सर्वश्री रामविचार नेताम, राजेश मूणत, कोमल जंघेल, विजय बघेल, सिध्दनाथ पैकरा, धरम कौशिक और पुन्नूलाल मोहिले सहित अनेक नवनिर्वाचित विधायक तथा राज्य के विभिन्न जिलों से आए अनेक जनप्रतिनिधि भी मौजूद थे।

मुख्यमंत्री के आज यहां मंत्रालय में दोबारा कार्यभार ग्रहण करने के अवसर पर राज्य निर्वाचन आयुक्त श्री शिवराज सिंह, प्रमुख सचिव सर्वश्री विवेक ढांड, टी. राधाकृष्ण, अजय सिंह, सचिव सर्वश्री एन. बैजेन्द्र कुमार, जवाहर श्रीवास्तव, सी.के.खेतान, पी रमेश कुमार, नंदकुमार, पुलिस महानिरीक्षक श्री वाय.के.एस.ठाकुर, उप पुलिस महानिरीक्षक श्री अरूण देव गौतम, संचालक जनसम्पर्क श्री उमेश द्विवेदी, मुख्यमंत्री कार्यालय के उप सचिव श्री आलोक अवस्थी, विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी सर्वश्री विक्रम सिसोदिया, विवेक सक्सेना, अरूण बिसेन तथा विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। सभी लोगों ने डॉ. रमन सिंह को बधाई और शुभकामनाएं दी।

Friday, December 12, 2008

दोबारा मुख्यमंत्री बनने पर संस्कृत बोर्ड अध्यक्ष ने दी बधाई

डॉ. रमन सिंह के प्रयासों से संस्कृत शिक्षा के लिए प्रदेश में बना बेहतर वातावरण : श्री चिन्तामणि सिंह महाराज
रायपुर, 12 दिसम्बर 2008 मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को आज यहां प्रदेश के नवनिर्वाचित मुखिया के रूप में दोबारा शपथ ग्रहण करने पर छत्तीसगढ़ संस्कृत बोर्ड के अध्यक्ष श्री चिन्तामणि सिंह महाराज ने हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। श्री चिन्तामणि सिंह महाराज ने कहा है कि डॉ. रमन सिंह ने अपने पांच वर्ष के प्रथम कार्यकाल में छत्तीसगढ़ में संस्कृत भाषा के विकास और संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने का हरसंभव प्रयास करते हुए संस्कृत बोर्ड को बड़ी उदारता से भरपूर सहयोग दिया। फलस्वरूप राज्य में संस्कृत शिक्षा के लिए एक उत्साहजनक और बेहतर वातावरण निर्मित हुआ है।

बोर्ड अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में इस दौरान जहां राज्य में संस्कृत विद्यालयों की संख्या बारह से बढ़कर 21 तक पहुंच गयी, वहीं पहली बार प्रदेश में शिक्षाकर्मी वर्ग-1 के पदों की भर्ती में संस्कृत विषय को भी विशेष प्राथमिकता दी गयी, ताकि हाईस्कूलों और हायर सेकेण्डरी स्कूलों में संस्कृत भाषा की बेहतर पढ़ाई हो सके। वर्तमान में राज्य के संस्कृत विद्यालयों में एक हजार 791 विद्यार्थी प्रथमा से उत्तर मध्यमा की कक्षाओं में अध्ययनरत हैं। बोर्ड अध्यक्ष श्री चिन्तामणि सिंह महाराज ने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की पहल पर प्रदेश के अन्य विद्यालयों की तरह संस्कृत विद्यालयों में भी प्रथमा से उत्तर मध्यमा तक अध्ययनरत सभी बच्चों को नि:शुल्क पाठय पुस्तक वितरित की गई हैं। उन्हें नि:शुल्क गणवेश भी दिए गए हैं। बालिकाओं को नि:शुल्क सायकल वितरित करने की भी योजना है। इन सब कार्यों के लिए मुख्यमंत्री द्वारा बोर्ड को सत्र 2008-09 में लगभग एक करोड़ रूपए का बजट उपलब्ध कराया गया है। इतना ही नहीं बल्कि उन्होंने संस्कृत विद्यालयों के बच्चों को भी कम्प्यूटर शिक्षा से जोड़ने के लिए अब तक तेरह विद्यालयों को कम्प्यूटर भी प्रदान किए हैं।

बोर्ड अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री को शुभकामनाएं देते हुए यह भी उम्मीद जतायी है कि डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में राज्य में संस्कृत भाषा की शिक्षा और संस्कृत साहित्य के विकास के लिए आगामी पांच वर्षों में और भी अधिक रचनात्मक और उत्साहवर्धक वातावरण बनेगा।

Monday, December 8, 2008

सकारात्मक चिंतन का उपयोग करें दूसरों के दु:ख बांटने में - श्री नरसिम्हन

प्रजापिता ब्रम्हकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन -- रायपुर, 07 दिसम्बर 2008 -- छत्तीसगढ़ के राज्यपाल श्री ई.एस.एल. नरसिम्हन ने कहा कि सकारात्मक चिंतन से सकारात्मक वातावरण का निर्माण होता है जिससे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। निराशावादी एवं नकारात्मक विचारों से दूर रहते हुए हमें अपनी सकारात्मक शक्ति का उपयोग दूसरों की मदद और दुख बांटने के लिए करना चाहिए। उन्होंने कहा कि दूसरों की तकलीफों और समस्याओं को सुनकर भी कई बार हम उनकी मदद करते हैं और अपनी सकारात्मक ऊर्जा उन्हें दे सकते हैं। उक्त विचार श्री नरसिम्हन ने आज रायपुर में प्रजापिता ब्रम्हाकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय तथा वैज्ञानिक अभियंता प्रभाग द्वारा 'सकारात्मक और रचनात्मक जीवन' विषय पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में व्यक्त किए।

श्री नरसिम्हन ने कहा कि भारतीय संस्कृति में दोनों हाथ जोड़कर किए गए प्रणाम से हमें विभिन्न अवयवों में एकात्मकता का बोध होता है जिसे हमें पाश्चात्य संस्कृति का अनुगमन करने के कारण भूलते जा रहे हैं। वहीं साष्टांग चरण स्पर्श कर प्रणाम करने से आदर एवं एकात्म भाव का बोध उत्पन्न होता है जबकि पाश्चात्य संस्कृति में औपचारिकता का। उन्होंने कहा कि नकारात्मक विचार योग्यता की कमी का परिचायक है। मनुष्य को अपने मस्तिष्क में निहित 'अहं' की भावना का परित्याग कर स्वयं को परमपिता ईश्वर में समर्पित कर देना चाहिए। परिस्थितियां हमारे वश में नहीं होती हैं, परमपिता ईश्वर ही सभी बातों को नियंत्रित करते हैं। प्रसिध्द कर्नाटक संत एवं संगीतज्ञ त्यागराज के उध्दरण को याद करते हुए उन्होंने कहा कि धन से अधिक सुख की प्राप्ति ईश्वर की सेवा में है और ईश्वर की सेवा ही मानवता की सेवा है। उन्होंने कहा कि राजयोग परमात्मा तक पहुंचने का मार्ग है जिससे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। उन्होंने आशा व्यक्त किया कि सकारात्मक विचारों से देश में सभी के जीवन में खुशिया एवं आनंद हो।

श्री नरसिम्हन ने कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा के लिए स्टॉक होम में कई निर्णय लिए गए हैं। यदि हम प्राचीन भारतीय वैदिक सभ्यता का अध्ययन करें तो पर्यावरण सुरक्षा का विचार नया नहीं है। हमारे प्राचीन वेद एवं ग्रंथों के अनुसार पशुओं, जीव एवं जंतुओं को देवता तुल्य मानकर पूजा की जाती थी और उन्हें हानि नहीं पहुंचाया जाता था। उन्होंने अपने नाम नरसिम्हन का उदाहरण देते हुए बताया कि भगवान विष्णु ने नरसिंह का रूप लिया वैसे ही सभी जीव-जंतु जैसे शेर को शक्ति का प्रतीक, मोर को कार्तिकेय, मूषक को गणेश, गरूड़ को भगवान विष्णु के वाहक के रूप में देवता के समान पूजा की गई है। वहीं गुणों से युक्त पीपल के वृक्ष एवं तुलसी के पौधे की भी पूजा की जाती थी, उन्हें काटा नहीं जाता था। शुध्द नदी को देवता मानकर लोग स्नान करते थे लेकिन आज हम अपने मूल्यों एवं विश्वासों को भूलते जा रहे हैं और इसे याद करने के लिए हमें स्टॉक होम जाना पड़ता है।

श्री नरसिम्हन ने कहा कि एक ऐसा भी दौर गुजरा है जब आध्यात्म और विज्ञान को परस्पर विरोधी रूप में देखा जाता था और जिसमें संघर्ष के स्वर मुखर होते थे। लेकिन आज दुनिया ने दोनों की सार्थकता और समन्वय के महत्व को समझा है। मानवता के हित के लिए विज्ञान एवं आध्यात्म का समन्वय बहुत जरूरी है। भौतिकवादी सुखों के पीछे बेतहाशा भागना जीवन में संतुष्टि नहीं लाता, बल्कि मानसिक अस्थिरता, तनाव और रोष उत्पन्न करता है। इस दौड़ में जीवन के वास्तविक लक्ष्यों को भूलना आज के समय की एक बड़ी समस्या है। मन की शांति और खुशियां अनमोल है, इन्हें खरीदा नहीं जा सकता। कई बार जहां अत्यधिक धन एवं संपत्ति होने के बावजूद लोगों को मन की शांति प्राप्त नहीं होती। वहीं दूसरी ओर सुविधाहीन एवं गरीब व्यक्ति के मन में शांति हो तो वह खुश रह सकता है।

श्री नरसिम्हन ने कहा है कि हमने अपनी जरूरतों के लिए प्रकृति का अविवेकपूर्वक दोहन किया है। इस कारण आज पूरी पृथ्वी पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। बात चाहे ओजोन छतरी के कमजोर होने की हो या ग्रीन हाउस प्रभाव, ग्लोबल वार्मिंग, पृथ्वी का तापमान बढ़ने, ग्लेशियरों के तेजी से पिघलने तथा अम्लीय वर्षा होने जैसी घटना के होने की। पृथ्वी पर इतने अधिक संकट कभी नहीं रहे। इस संकट का जिम्मेदार मनुष्य स्वयं है। प्रकृति मेें मानवीय जरूरतों को पूरा करने की तो क्षमता है लेकिन वह मनुष्य के लोभ को पूरा नहीं कर सकती। पृथ्वी और प्रकृति को बचाने के लिए यह जरूरी है नेचर (प्राकृतिक तत्वों) पर लालचपूर्ण नियंत्रण करने के स्थान पर मनुष्य अपने नेचर (स्वभाव) पर नियंत्रण करे।

जोनल डायरेक्टर इंदौर श्री ओमप्रकाशजी भाई ने कहा कि विज्ञान एवं टेक्नॉलाजी ने मनुष्य को सुविधाएं एवं साधन प्रदान किए लेकिन इसके साथ ही समाज में चिंता, तनाव एवं निराशा बढ़ने लगी। उन्होंने कहा कि ये परिस्थितियां विज्ञान एवं टेक्नॉलाजी में नहीं बल्कि मानव ने स्वयं निर्मित की है। आवश्यकता इस बात की है कि मनुष्य अपने विचारों में बदलाव लाए और निराशावादी विचारों के स्थान पर सकारात्मक विचारों को महत्व दें। उन्होंने पर्यावरण प्रदूषण तथा इसके नकारात्मक परिणामों की भी चर्चा की। राष्ट्रीय समन्वयक वैज्ञानिक एवं अभियंता प्रभाग श्री बी. के. मोहन सिंघल ने कहा कि जीवन के सभी पहलुओं में आध्यात्मिकता एवं मूल्यों का समावेश होना चाहिए तथा राजयोग के माध्यम से समस्याओं का समाधान प्राप्त करना चाहिए। संस्था की जोनल इंचार्ज छत्तीसगढ़ कमला बहन जी ने कहा कि विश्व में व्याप्त तमाम दुख, भय, निराशा जैसी चुनौतियों का सामना आध्यात्मिकता से ही किया जा सकता है। कार्यकारी संचालक वित्ता भिलाई स्टील प्लांट श्री टी.के. गुप्ता ने कहा कि आनंद को देवताओं ने हृदय में स्थान दिया है, इसलिए आनंद का घर हृदय में ही है। हर सफलता के लिए हृदय तक पहुंचने की कला आनी चाहिए। इस अवसर पर पानीपत के प्रबंधक टे्रनर श्री बी.के. भारतभूषण ने पर्यावरण की सुरक्षा के लिए सभी को शपथ दिलाई।

इस अवसर पर 'पृथ्वी ग्रह को बचाओं' स्टेप परियोजना का शुभांरभ राज्यपाल ने किया। इस परियोजना का उद्देश्य जन साधारण को पर्यावरण की दिशा में प्रेरित करना है। श्री नरसिम्हन ने इस परियोजना को पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया। राज्यपाल ने पर्यावरण संरक्षण पर आधारित 'पृथ्वी ग्रह को बचाओ' प्रर्दशनी का भी शुभारंभ किया। इस मौके पर धमतरी की नवनीता बहन ने गीत गाया एवं कार्यक्रम का संचालन ब्रम्हकुमारी माधुरी बहन ने किया।

Tuesday, November 11, 2008

त्वरित ग्रामीण जलापूर्ति कार्यक्रम के तहत केन्द्र ने राज्यों को 6896.87 करोड़ रूपए जारी किए

ग्रामीण विकास मंत्रालय ने राज्य सरकारों केन्द्र शासित प्रदेश प्रशासनों को त्वरित ग्रामीण जलापूर्ति कार्यक्रम (जल की गुणवत्ता संबंधी सामान्य आवरण अ  स्वजलधाराअ उपअभियान) और सूखा संभावित क्षेत्र विकास कार्यक्रम के अंतर्गत वर्तमान वित्त वर्ष में 6896.87 करोड़ रूपए जारी किए हैं।

 

       धनराशि का 20 प्रतिशत हिस्सा स्वजलधारा सिध्दांतों पर आधारित नई ग्रामीण जलापूर्ति योजनाओं के कार्यान्वयन पर खर्च किया जा सकता है । शेष रकम को  (त्वरित ग्रामीण जलापूर्ति कार्यक्रम-सामान्य) के तहत जारी और नई योजनाओं परियोजनाओं पर खर्च किया जाएगा जिन्हें राज्य स्तरीय योजना मंजूरी समिति ने स्वीकृति दी है । वित्त पोषण 50:50 के आधार पर केन्द्र और राज्य करेंगे ।

 

       जलापूर्ति कार्यक्रम के मौजूदा दिशा-निर्देश के अनुरूप कुल प्रावधान का पांच प्रतिशत जल संसाधन को बनाए रखने पर खर्च किया जा सकता है ।

श्री रामविलास पासवान ने रबी मौसम के दौरान उर्वरकों की आपूर्ति के बारे में आश्वस्त किया

  इस्पात, रसायन एवं उर्वरक मंत्री श्री राम विलास पासवान ने कहा है कि रबी मौसम के दौरान किसानों को उर्वरकों की समुचित आपूर्ति की जाएगी । उन्होंने उर्वरकों की देश के बाहर तस्करी पर भी चिंता व्यक्त की ।

 

       श्री पासवान ने आज एक प्रेस वार्ता में कहा कि उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती जिलों से उर्वरकों की तस्करी की शिकायतें प्राप्त हुई हैं । उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय और सीमा सुरक्षा बल को इन शिकायतों से अवगत करवा दिया गया है । उन्होंने राज्य सरकारों से आग्रह किया कि वे तस्करी की गतिविधियों को रोकने में सहयोग करें ।

 

       श्री पासवान ने कहा कि पिछले वर्ष की तुलना में इस बार उर्वरकों की मांग और उपलब्धता में इजाफा हुआ है । उन्होंने किसानों को आश्वस्त किया कि उर्वरकों की कमी नहीं होने दी जाएगी ।

अब तक लगभग 1 करोड़ 30 लाख टन धान की खरीद

अब तक लगभग 1 करोड़ 30 लाख टन धान की खरीद

 

अक्तूबर-दिसम्बर, 2008 के दौरान 52 लाख टन चीनी खुली बिक्री के लिये उपलब्ध करायी जाएगी

 

        खाद्यान्न, खाद्य तेलों और चीनी की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने और इन सामग्रियों की कीमतों को नियंत्रित रखने के उद्देश्य से सरकार ने कई उपाय किए हैं ।

 

        खरीफ मौसम 2007-08 के दौरान 30 सितम्बर, 2008 तक 284 लाख 29 हजार टन धान की खरीद की गई , जबकि खरीफ मौसम 2006-07 के दौरान कुल मिलाकर 251 लाख 7 हजार टन धान की खरीद की गई थी । यह 13.28  प्रतिशत वृध्दि दर्शाता है। पहली अक्तूबर, 2008 से खरीफ मौसम 2008-09 की शुरूआत से लेकर 3 नवम्बर, 2008 तक 129 लाख 83 लाख टन धान की खरीद की गई है जबकि मौसम 2007-08 की इसी अवधि के दौरान 115 लाख एक हजार टन धान की खरीद की गई थी ।

 

        अनुमान किया जाता है कि पहली अप्रैल 2009 को 81 लाख 35 हजार टन गेहूं का भंडार होगा जबकि इसके लिए बफर मात्रा 40 लाख टन का है । इसी प्रकार अनुमान किया जाता है कि पहली अक्तूबर 2008 को चावल भंडार 64 लाख 13 हजार टन का होगा जबकि इसके लिए बफर मात्रा 52 लाख टन का है ।

 

        केन्द्र सरकार ने अक्तूबर-दिसम्बर, 2008 की तिमाही के लिए 52 लाख टन गैर-लेवी चीनी उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है जबकि पिछले गन्ना सीजन की इसी तिमाही (अक्तूबर-दिसम्बर, 2007) के दौरान 42 लाख टन चीनी उपलब्ध करायी गई थी ।

 

        सरकारी सहायता प्राप्त खाद्य तेलों के वितरण हेतु योजना के अधीन राज्य सरकारोंकेन्द्र शासित प्रदेशों के माध्यम से 2008-09 के दौरान अधिकतम 10 लाख टन खाद्य तेलों का वितरण होना था । राज्य सरकारों  केन्द्र शासित प्रदेशों से प्राप्त मांगों के अनुसार अब तक 3 लाख 60 हजार टन खाद्य तेलों के आयात हेतु आर्डर दिए गए हैं ।  

राज्यों के जल भराव क्षेत्र को सुधारने की 478 योजनाएं मंजूर

  विभिन्न राज्य सरकारों के सीएडीडब्ल्यूएम कार्यक्रम के अधीन अब तक जल भराव क्षेत्रों के सुधार हेतु 478 योजनाएं मंजूर की गई हैं । एक अनुमान के अनुसार 57700 हेक्टेयर ऐसे क्षेत्र में सुधार किया जाना है जिसमें से मार्च 2008 तक 46466 हेक्टेयर क्षेत्र की घोषणा की जा चुकी है । कमान क्षेत्र विकास (सीएडी) परियोजनाओं के कमानों में जल भराव वाले क्षेत्रों के सुधार के घटक को पहली अप्रैल 1996 से सीएडीडब्ल्यूएम कार्यक्रम में शामिल किया गया है । इस घटक के अधीन राज्यों को अनुदान के रूप में 50 प्रतिशत केन्द्रीय सहायता उपलब्ध करायी जाती है ।

मीडिया के स्वामित्व के बारे में टिप्पणियां प्राप्त करने का समय बढाया गया

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण की ओर से 23 सितंबर 2008 को मीडिया के स्वामित्व पर एक परामर्श पत्र जारी किया गया था । इस परामर्श पत्र पर हितधारकों की लिखित टिप्पणियां 24 अक्तूबर,  2008 तक आमंत्रित की गई थीं जिसे बढाक़र 10 नवम्बर 2008 कर दिया गया था ।

 

       हितधारकों की ओर से इस तिथि को और भी आगे बढाए जाने के अनुरोध पर प्राधिकरण ने परामर्श पत्र पर टिप्पणियां भेजने हेतु अंतिम तिथि को बढाक़र  25 नवम्बर, 2008 करने का निर्णय लिया है । सभी हितधारकों से निवेदन किया गया है कि वे अपनी टिप्पणियां उस तिथि को अथवा उससे पहले भेज दें ।

 

       परामर्श पत्र पर खुली चर्चा नई दिल्ली स्थित इंडिया हैबिटेट सेंटर, में 2 दिसम्बर, 2008 को 1100 बजे की जाएगी । सभी हितधारक इसमें भाग लेने के लिए आंमत्रित हैं ।

 

       किसी प्रकार के स्पष्टीकरण के लिए संपर्क का विवरण -

 

श्री एन परमेश्वरन, प्रधान सलाहकार (ट्राई)

 

टीआरएआई, महानगर दूरसंचार भवन,

 

जवाहर लाल नेहरू मार्ग, नई दिल्ली-110001

 

टेलीफोन नं0 011-23233291

 

फैक्स नं0 011-23235161

 

ई मेल   param.trai@gmail.com

पटना और रांची क्षेत्रों की रेलवे भर्ती परीक्षा स्थगित

रेलवे भर्ती बोर्ड पटना (आरआरबी, पटना) और रेलवे भर्ती बोर्ड रांची द्वारा 9 नवम्बर, 2008 (रविवार) को आयोजित की जाने वाली रेलवे भर्ती परीक्षाएं आगामी सूचना तक स्थगित कर दी गई हैं। परीक्षार्थियों को परीक्षा केन्द्र पर न पहुंचने की सलाह दी जाती है। उन से अनुरोध है कि अधिक जानकारी के लिए वे रेलवे भर्ती नियंत्रण बोर्ड की वेबसाइट www.rrcb.gov.in और क्षेत्रीय आरआरबी की वेबसाइट देखें।

श्री अर्जुन सिंह द्वारा पहले राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर विज्ञान भवन में कुलपतियों के सम्मेलन का उद्धाटन

मानव संसाधन विकास मंत्री श्री अर्जुन सिंह सोमवार, 10 नवम्बर, 2008 को विज्ञान भवन में केन्द्रीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और केन्द्रीय तकनीकी संस्थानों के निदेशकों के सम्मेलन का उद्धाटन करेंगे। यह सम्मेलन पहले राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के अवसर पर आयोजित किया जा रहा है।

 

       सम्मेलन में उच्च शिक्षा से संबंधित कई महत्त्वपूर्ण मामलों पर विचार किया जाएगा। विचारणीय विषय निम्नलिखित हैं-

 

·       विश्वविद्यालयों और केन्द्र की सहायता प्राप्त तकनीकी संस्थानों द्वारा अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आरक्षण को लागू करने के लिए प्राप्त वित्तीय सहायता के उपयोग की स्थिति

 

·       दाखिले के लिए सभी आरक्षित स्थानों को भरने की स्थिति और उससे संबंधित मामले

 

·       श्रेष्ठता के साथ पहुंच के लक्ष्य को प्राप्त करने के वास्ते उच्च शिक्षा के विस्तार के लिए केन्द्रीय शिक्षा संस्थानों को 11वीं योजना के दौरान दी जाने वाली वित्तीय सहायता

 

·       उच्च शिक्षा से संबंधित गुणवत्ता मामलों से संबंधित  चङ्ढा समिति की सिफारिश।

 

       सम्मेलन के बाद 11वीं योजना में उच्च शिक्षा से संबंधित मामले विषय पर पैनल चर्चा होगी।  सचिव, (उच्च शिक्षा) श्री आर.पी. अग्रवाल चर्चा की अध्यक्षता करेंगे और इस चर्चा मे विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष प्रो0 सुखदेव थोराट, प्रो0 गोवर्धनमहता और प्रो0 ए. ज्ञानम भाग लेंगे।

सरकार ने मौजूदा वैश्विक वित्तीय स्थिति पर समिति गठित की

प्रधानमंत्री ने मौजूदा वैश्विक वित्तीय स्थिति पर अधिकारियों की एक समिति के गठन को अपनी मंजूरी दी है । भारत सरकार के वित्त मंत्रालय में वित्त सचिव इस समिति की अध्यक्षता और संचालन करेंगे । यह समिति मौजूदा वैश्विक वित्तीय स्थिति और भारत पर इसके प्रभाव के संदर्भ में उद्योग जगत द्वारा उठाए गए मुद्दों पर विचार करेगी । वाणिज्य सचिव, सचिव (डीआईपीपी) और योजना आयोग में सचिव इस समिति के अन्य सदस्य होंगे ।

 

       नई दिल्ली स्थित नॉर्थ ब्लाक में इस समिति का सचिवालय के साथ  गठन किया गया है । व्यापार और उद्योग जगत इस संबंध में अपने सुझाव भेज सकते हैं। समिति के डाक का पता श्री एस एस दास, निदेशक, कमरा संख्या 71 बी, नॉर्थ ब्लाक, नई दिल्ली । टैलीफैक्स -23092326

ओमान और कतर की यात्रा के पूर्व प्रधानमंत्री का बयान

  ओमान और कतर की यात्रा पर रवाना होने से पहले अपने बयान में प्रधानमंत्री डा0 मनमोहन सिंह ने कहा है कि खाड़ी क्षेत्र भारत की सुरक्षा और समृध्दि के लिए बहुत अहम हैं । इन दोनों देशों के साथ भारत के विशेष संबंध रहे हैं । उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री आठ से 10 नवम्बर, 2008 तक ओमान और कतर के दौरे पर रहेंगे ।

 

       प्रधानमंत्री ने कहा कि आठ से नौ नवम्बर 2008 की अपनी ओमान यात्रा के दौरान ओमान नरेश सुल्तान काबूस बिन सईद  से मुलाकात करेंगे । इस दौरान ओमान के उपप्रधानमंत्री सय्यद महमूद अल सईद के साथ द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा करेंगे ।

 

       प्रधानमंत्री ने अपने बयान में कहा है कि नौ से 10 नवम्बर, 2008 तक की अपनी कतर यात्रा के दौरान कतर के अमीर महामहिम शेख हमाद बिन खरीफा अल वानी से भेंट करेंगे । इस दौरान कतर के प्रधानमंत्री शेख हमाद बिन जस्सम बिन जबूर अल वानी के साथ द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा भी होगी । उन्होंने कहा कि ओमान और कतर में बड़ी तादाद में भारतीय काम करते हैं और उनके योगदान को दोनों देशों में सराहा जाता है । उन्होंने कहा कि मैं दोनों देशों का आभारी हूं कि उन्होंने भारतीयों को अपने यहां स्वागत किया है । प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनो देशों की यात्रा के दौरान भारतीयों की सुरक्षा व कल्याण के संदर्भ में भी वार्ता होगी ।

उपराष्ट्रपति को भारत स्काउट और गाइड झंडे का स्टिकर भेंट

आज भारत स्काउट एंड गाइड का स्थापना दिवस है। इस अवसर पर भारत के उपराष्ट्रपति श्री एम. हामिद अंसारी को भारत स्काउट और गाइड के झंडे का स्टिकर भेंट किया गया। उपराष्ट्रपति ने उनके लिए जीवन में अच्छी सफलता की कामना की। राष्ट्रीय आयुक्त श्री ललित मोहन झा भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

 

       भारत स्काउट एंड गाइड देश में सबसे बड़ा युवा संगठन है। यह 7 नवम्बर, 1950 से पूरी तरह स्वैच्छिक और गैर-राजनीतिक संगठन के रूप में काम कर रहा है। सभी स्काउट और गाइड एसोसिएशनों ने मिलकर भारत स्काउट एंड गाइड नामक संयुक्त संगठन का गठन किया था। सन् 2000 में संगठन के स्वर्ण जयंती वर्ष से हर वर्ष 7 नवम्बर को भारत स्काउट एंड गाइड्स पऊलेग डे के रूप में  मनाया जाता है।

राज्य शासन ने 14 और 20 नवम्बर को घोषित किया सार्वजनिक अवकाश

कारखानों में कार्यरत कामगारों को विधान सभा चुनाव में मतदान के लिये मिलेगी काम से छुट्टी | राज्य के विभिन्न कारखानों में कार्यरत कामगाराें को विधानसभा आम निर्वाचन 2008 के लिए होने वाले मतदान के लिये 14 नवम्बर और 20 नवम्बर को अवकाश दिया जायेगा। राज्य शासन द्वारा विधानसभा चुनाव के मतदान के दिन 14 और 20 नवम्बर को संबंधित विधानसभा क्षेत्रों में स्थित सभी कारखानों और दुकानों एवं वाणिज्य संस्थानों में सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है। राज्य शासन द्वारा इस आशय के आदेश श्रमायुक्त कार्यालय से कारखाना अधिनियम 1948 की धारा 52 के तहत जारी कर दिये गये है ।

 

      पहले चरण में 14 नवम्बर को 39 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान के लिए संबंधित विधानसभा क्षेत्रों के सभी कारखानों और दुकानों एवं वाणिज्य संस्थानों में सार्वजनिक अवकाश रहेगा। इनमें विधानसभा क्षेत्र सरायपाली, बसना, खल्लारी, महासमुन्द, सिहावा, कुरूद, धमतरी, संजारी बालोद, डोंडी लोहारा, गुन्डरदेही, पाटन, दुर्ग ग्रामीण, दुर्ग शहर, भिलाई नगर, वैशाली नगर, अहिवारा, साजा, बेमेतरा, नवागढ़, पंडरिया, कवर्धा, खैरागढ़, डोंगरगढ़, राजनांदगांव, डोंगरगांव, खुज्जी, मोहला-मानपुर, अंतागढ़, भानुप्रतापपुर, कांकेर, केशकाल, कोंडागांव, नारायणपुर, बस्तर, जगदलपुर, चित्रकोट, दन्तेवाड़ा, बीजापुर और कोन्टा शामिल हैं।

 

      इसी तरह दूसरे चरण में 20 नवम्बर को 51 विधानसभा क्षेत्रों भरतपुर-सोनहट, मनेन्द्रगढ़, बैकुंठपुर, प्रेमनगर, भटगांव, प्रतापपुर, रामानुजगंज, सामरी, लुण्ड्रा, अम्बिकापुर, सीतापुर, जशपुर, कुनकुरी, पत्थलगांव, लैलूंगा, रायगढ़, सारंगढ़, खरसिया, धर्मजयगढ़, रामपुर, कोरबा, कटघोरा, पाली-तानाखार, मरवाही, कोटा, लोरमी, मुंगेली, तखतपुर, बिल्हा, बिलासपुर, बेलतरा, मस्तुरी, अकलतरा, जांजगीर-चांपा, सक्ती, चन्द्रपुर, जैजैपुर, पामगढ़, बिलाईगढ़, कसडोल, बलोदा-बाजार, भाटापारा, धरसींवा, रायपुर ग्रामीण, रायपुर नगर पश्चिम, रायपुर नगर उत्तर, रायपुर नगर दक्षिण, आरंग, अभनपुर, राजिम और बिन्द्रानवागढ़ विधानसभा क्षेत्रों में सभी कारखानों और दुकानों एवं वाणिज्य संस्थानों में सार्वजनिक अवकाश रहेगा।

मेजर रूचिर पाण्डेय ने राज्यपाल के परिसहाय का पद संभाला

मेजर मैनाक देव को दी गई विदाई | मेजर रूचिर पाण्डेय ने आज प्रदेश के राज्यपाल श्री ई.एस.एल. नरसिम्हन के परिसहाय के रूप में पदभार संभाला। इनकी नियुक्ति मेजर मैनाक देव के स्थान पर हुई है। राजभवन में आयोजित एक सादे समारोह में राज्यपाल श्री ई.एस.एल. नरसिम्हन ने मेजर मैनाक देव को भावभीनी विदाई दी। उन्होंने श्री देव के उज्ज्वल भविष्य की कामना की। इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव श्री पी.सी. दलेई, अपर सचिव श्री ब्रजेशचंद्र मिश्र, विधिक सलाहकार श्री टी.के. चक्रवर्ती, राज्यपाल के परिसहाय (पुलिस) श्री अमरेश मिश्र के अलावा राजभवन के अधिकारी एवं कर्मचारीगण उपस्थित थे।

अब तक 8.78 लाख क्विंटल से अधिक धान की आवक

83.10 करोड़ रूपए से अधिक राशि का भुगतान | छत्तीसगढ़ की प्राथमिक सहकारी समितियों के एक हजार 577 उपार्जन केन्द्रों में किसानों से अब तक समर्थन मूल्य पर लगभग आठ लाख 78 हजार क्विंटल धान की खरीदी कर किसानों को 83 करोड़ 10 लाख रूपये का भुगतान किया गया है। कल गुरूवार 06 नवम्बर को विभिन्न उपार्जन केन्द्रों में एक लाख 12 हजार 620 क्विंटल धान खरीदा गया। धान खरीदी का यह विशेष अभियान पिछले महीने की 20 तारीख से शुरू हुआ है।

 

       खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि धान खरीदी के लिए राज्य सहकारी विपणन संघ द्वारा प्रदेश के जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों के माध्यम से अब तक प्राथमिक सहकारी समितियों को 108 करोड़ 55 लाख रूपए की अग्रिम राशि उपलब्ध कराई जा चुकी है। प्रदेश में किसानों से सामान्य अथवा कॉमन धान 850 रूपये और ग्रेड-ए का धान 880 रूपये प्रति क्विंटल के मूल्य पर खरीदा जा रहा है। इसके अलावा प्रति क्विंटल 50 रूपये का बोनस भी दिया जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि विभाग द्वारा राज्य में प्राथमिक सहकारी समितियों के अलावा कृषि उपज मंडियों में हो रही धान खरीदी की निरन्तर समीक्षा की जा रही है। प्रदेश की कृषि उपज मंडियों में 20 अक्टूबर से 06 नवम्बर तक 13 लाख 03 हजार 290 क्विंटल धान की खरीदी की जा चुकी है। इसे मिलाकर प्रदेश में किसानों से अब तक 21 लाख 81 हजार 910 क्विंटल धान की खरीदी की गई है। धान खरीदी के साथ ही चावल की प्राप्ति शुरू हो गई है। कस्टम मिलिंग के लिए अब तक 34 हजार क्विंटल और लेव्ही के रूप में 45 हजार 720 क्विंटल चावल प्राप्त हुआ है। 

 

      अधिकारियों ने बताया कि प्राथमिक सहकारी समितियों के माध्यम से अब तक रायपुर जिले में सर्वाधिक दो लाख 48 हजार 750 क्विंटल धान की आवक दर्ज की गई है। महासमुन्द जिले में दो लाख 14 हजार 480 क्विंटल, दुर्ग जिले में एक लाख 58 हजार 340 क्विंटल, धमतरी जिले में एक लाख 05 हजार क्विंटल, राजनांदगांव जिले में 57 हजार 210 क्विंटल और रायगढ़ जिले में 36 हजार 600 क्विंटल धान की आवक दर्ज की गई है। बिलासपुर जिले में 31 हजार 180 क्विंटल, कबीरधाम जिले में 11 हजार 400 क्विंटल, जांजगीर-चांपा जिले में तीन हजार 210 क्विंटल सरगुजा जिले में तीन हजार 750 क्विंटल, जगदलपुर जिले में दो हजार 760 क्विंटल, जशपुर जिले में दो हजार क्विंटल, उत्तार बस्तर (कांकेर) जिले में एक हजार 750 क्विंटल, कोरबा जिले में एक हजार 400 क्विंटल और कोरिया जिले में 700 क्विंटल धान की आवक दर्ज की गई है।

 

      रायपुर जिले में 14 हजार 876 किसानों को 23 करोड़ 37 लाख रूपए, महासमुंद जिले में आठ हजार 480 किसानों को 19 करोड़ 86 लाख रूपए, दुर्ग जिले में पांच हजार 213 किसानों को 14 करोड़ 63 लाख रूपए, धमतरी जिले में चार हजार 487 किसानों को 9 करोड़ 75 लाख रूपए और राजनांदगांव जिले में तीन हजार 256 किसानों को पांच करोड़ 33 लाख रूपए का भुगतान किया जा चुका है। बिलासपुर जिले में एक हजार 513 किसानों को दो करोड़ 95 लाख, रायगढ़ जिले में एक हजार 956 किसानों को चार करोड़ 58 लाख, कबीरधाम जिले में 751 किसानों को एक करोड़ 10 लाख रूपए, जगदलपुर जिले में 404 किसानों को 25 लाख 45 हजार रूपए, उत्तर बस्तर(कांकेर) जिले में 169 किसानों को 20 लाख 98 हजार रूपए, सरगुजा जिले में 122 किसानों को 34 लाख 86 हजार रूपए, जशपुर जिले में 85 किसानों को 20 लाख 10 हजार रूपए, कोरबा जिले में 77 किसानों को 12 लाख 87 हजार रूपए और कोरिया जिले में 18 किसानों को छह लाख 59 हजार रूपए से अधिक राशि का भुगतान दिया जा चुका है।

राज्यपाल को लगाया गयाभारत स्काउट गाईड का ध्वज स्टीकर

विश्व स्काउट एवं गाईड की स्थापना एवं फ्लेग डे के अवसर पर भारत स्काउट-गाईड छत्तीसगढ़ के एक प्रतिनिधि मंडल ने आज राजभवन में राज्यपाल श्री ई.एस.एल. नरसिम्हन को स्काउट गाईड का प्रतीक बैज (ध्वज स्टीकर) लगाया। राज्यपाल श्री नरसिम्हन ने फ्लेग डे के अवसर पर बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने बच्चों में अनुशासन एवं सेवा भावना बढ़ाने तथा स्काउट - गाईड के उद्देश्यों को बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने स्काउट गाईड को बढ़ावा देने हेतु स्वेच्छा राशि भी प्रदान की।

 

 

 

      भारत स्काउट गाईडस छत्तीसगढ़ के राज्य सचिव श्री देवेन्द्र साखरे ने बताया कि स्वतंत्रता के पहले विद्यालयीन बच्चों के लिये संचालित अनेक संस्थाओं को एकीकृत कर भारत स्काउट गाईड का गठन किया गया। देश के राष्ट्रपति इसके राष्ट्रीय संरक्षक और राज्य के राज्यपाल इसके राज्य संरक्षक होते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि वर्ष 2007 एवं 2008 में प्रशिक्षण प्राप्त स्काउट-गाईडस एवं स्काउटस-गाईडर आगामी 22 नवम्बर को आयोजित राज्य पुरस्कार रैली में महामहिम राज्यपाल के हाथों पुरस्कार से सम्मानित होंगे। इस अवसर पर भारत स्काउट गाईड छत्तीसगढ़ के सहायक राज्य आयुक्त श्री अब्दुल्ला यूसूफ, जनसंपर्क अधिकारी श्री शेख समीर, राज्य प्रशिक्षण आयुक्त श्री महावीर प्रसाद साहू भी उपस्थित थे।

आकाश में आतिशबाजी के अद्भूत नजारे

     राज्योत्सव के समापन अवसर पर आकाश पर आतिशबाजी के मनमोहक तथा अद्भूत नजारों ने उपस्थित जन-समुदायों का मन मोह लिया। राज्यपाल श्री नरसिम्हन ने भी मंच से इस मनोरम आतिशबाजी के नजारों का आनंद उठाया।

Saturday, November 8, 2008

छत्‍तीसगढ़ अग्रणी राज्‍य बनने में सक्षम

छत्तीसगढ़ राज्य देश की अग्रणी राज्यों के श्रेणी में शामिल होने की पूरी क्षमता रखता है। छत्तीसगढ़ के राज्यपाल श्री ई.एस.एल. नरसिम्हन ने रायपुर के साईंस कॉलेज मैदान में आयोजित सात दिवसीय 'राज्योत्सव 2008' का समापन करते हुए कहा कि यहां के उद्योगों, व्यवसाय तथा राज्य की युवा प्रतिभाओं को आगे आने के लिए अपनी गुणवत्ता तथा श्रेष्ठता बढ़ाने पर सबसे अधिक ध्यान केन्द्रित करना होगा, जिससे वे आज की वैश्विक प्रतिस्पर्धा में न केवल टिक सकें बल्कि सफल भी हो सकें। उन्होंने राज्य के निरन्तर विकास तथा सुख-समृध्दि की कामना की। उल्‍लेखनीय है कि 07 नवम्‍बर 2008 छत्‍तीसगढ़ राज्‍योत्‍सव का समापन दिवस था।

इस अवसर पर अपर सचिव श्री सरजियस मिंज ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य का स्थापना दिवस एक उत्सव की तरह है। राज्योत्सव राज्य निर्माण के इसी उत्साह को प्रदर्शित करने की एक परम्परा है। उन्होंने इस आयोजन में चार चांद लगाने के लिए संस्कृति कर्मियों तथा कलाकारों को विशेष रूप से धन्यवाद दिया और आयोजन की सफलता के लिए सी.एस.आई.डी.सी., सी.आई.आई. तथा इसमें सहयोग देने वाले सभी लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर संचालक संस्कृति श्री राकेश चतुर्वेदी, सी.एस.आई.डी.सी. के प्रबंध संचालक श्री राजेश गोवर्धन, सी.आई.आई. के अध्यक्ष श्री एस.के. जैन तथा संस्कृति विभाग के अपर सचिव श्री बी.के. अग्रवाल भी उपस्थित थे। कार्यक्रम के अन्त में सचिव उद्योग श्री पी. रमेश ने आभार व्यक्त किया।

Thursday, November 6, 2008

डा0 अखिलेश प्रसाद सिंह ने आरोपों का खंडन किया

केन्द्रीय कृषि, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण राज्यमंत्री, डा0 अखिलेश प्रसाद सिंह ने पटना हवाई अडडे पर 3 नवम्बर, 2008 को किंगफिशर एयरलाईंस के एक कर्मचारी द्वारा लगाये गए तथाकथित दुर्व्यवहार के आरोपों का जोरदार खंडन किया है । डा0 सिंह ने बताया कि एयरलाईन्स के कर्मचारी द्वारा लगाये गए आरोपों के अनुसार दुर्व्यवहार अथवा हमले की कोई घटना नहीं हुई । डा0 सिंह एयरलाइन्स की गैर-जिम्मेदारीपूर्ण कार्य से संबंधित मुद्दे को नागर विमानन मंत्रालय के पास ले जाने का विचार कर रहे हैं ।

Wednesday, November 5, 2008

सरकारी उच्च विद्यालयों में वर्ष 2012 ब्रॉडबैंड कनेक्शन

ग्रामीण ब्रॉडबैंड परियोजना के अधीन सभी सरकारी उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में वर्ष 2012 तक ब्रॉडबैंड कनेक्शन उपलब्ध कराने की योजना तैयार की है । संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री, श्री ए राजा ने नई दिल्ली में आज शिक्षा के विकास में दूरसंचार क्षेत्र विषय पर एक राष्ट्रीय गोलमेज सम्मेलन का उद्धाटन करते हुए इसकी घोषणा की । उन्होंने कहा कि प्रत्येक ब्लाक और गांव के स्तर पर ब्रॉडबैंड कनेक्टीविटी बढाने के लिए दूरसंचार विभाग की यूएसओ निधि का व्यापक उपयोग किया जा रहा है ।

श्री राजा ने ब्रॉडबैंड के माध्यम से शिक्षा के प्रसार, स्थानीय भाषा में विषय सामग्री तैयार करने , सामूहिक तौर पर प्रतिभा विकसित करने और प्रशिक्षित श्रम शक्ति की पर्याप्त उपलब्धता पर जोर दिया ।

Tuesday, November 4, 2008

आर्थिक सुरक्षा से देश की पूर्ण सुरक्षा

वर्तमान समय में सुरक्षा के मायने बदल गए हैं, अब केवल सीमाओं की रक्षा और सुरक्षा ताकत ही महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि यह भी जरूरी है कि आर्थिक रूप से देश को सशक्त बनाए रखा जाए और देश को आर्थिक रूप से सशक्त बनाए रखने में उद्योग महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उद्योग विरूध्द गरीबी बिन्दु पर कहा कि एक ओर 'सब कुछ' और दूसरी ओर 'कुछ नहीं' तथा 'हैव' और 'हैव नाट' के बीच की विशाल दूरियों को मिटाने के लिए सी. आई. आई तथा उद्योग ऐसे प्रयास करे जिससे गरीबों की आय बढ़े तथा उन्हें बेहतर जिंदगी जीने का अधिकाधिक अवसर मिले।
 
रायपुर, 1 नवम्बर 2008 को भारतीय उद्योग परिसंघ पूर्वी क्षेत्र विचार संगोष्ठी में राज्यपाल श्री ई.एस.एल. नरसिम्हन ने कहा है कि उद्योग केवल धन अर्जन करने और लोगों को रोजगार देने का कार्य नहीं करते बल्कि वे ऐसे महत्वपूर्ण संसाधन है जो देश को आगे ले जाने में महत्वपूर्ण सहयोगी की भूमिका निभाते हैं। आज ग्रामीण क्षेत्रों की बड़ी आबादी शहरों तथा महानगरों की ओर प्रवास करती है इससे जहां एक ओर शहरों पर आर्थिक दबाव बढ़ता है वहीं बढ़ती जनसंख्या के सामने आवास, शिक्षा स्वास्थ्य तथा रोजगार के अवसरों की कमी जैसी अनेक समस्याएं पैदा होती है जिससे बड़ी जनसंख्या को निराशा का सामना करना पड़ता है। राज्यपाल ने ऐसी विषम परिस्थितियों का समाधान का निकालने के लिए सी.आई.आई. को पहल करने का आह्वान किया।
 
       राज्यपाल ने कहा कि औद्योगीकरण एवं उद्योगों की स्थापना के लिए किसानों और ग्रामीणों के भूमि अधिग्रहण की जाती है। लेकिन इससे एक बड़ी समस्या उनके सामने विस्थापन और रोजी-रोटी की समस्या के अलावा उन्हें मानसिक रूप से दुख-दर्द भी होता है। उन्होंने कहा कि इसके लिए न केवल बेहतर तथा दीर्घ कालिक पुनर्वास नीति बनायी जानी चाहिए बल्कि उन्हें उचित मुवाअजा भी मिलना चाहिए। यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि उनसे किए गए वायदों को हर हालत में पूरा किया जाए।
 
       श्री नरसिम्हन ने उद्योगों से कहा कि वे इस इस बात पर सचेत रहे कि कार्पोरेट सोशल रिसपांसबिलीटी की अवधारणा एक फैशन भरा नारा बनकर न रह जाए। उन्होंने कहा कि केवल वृक्षारोपण कर, मध्यान्ह भोजन देकर या स्कूलों में खेल प्रतियोगिता से इस जिम्मेदारी को पूरा नही किया जा सकता। इसके लिए स्थायी विकास तथा लोगों के जीवन स्तर को ऊंचा के लिए ठोस प्रयास करना जरूरी है। वे ऐसे प्रयास करे जिससे स्थायी परिसम्पतियों का निर्माण हो। उन्होंने कहा कि कार्पोरेट एवं उद्योग जगत हर वर्ष अपने सामाजिक जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए शिक्षा जैसे एक महत्वपूर्ण बिन्दु को अपना लक्ष्य बनाए। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश के बस्तर जैसे दूरस्थ अंचलों में नक्सली का सामना करते हुए हमारे जवान को हिंसा का शिकार हो जाते हैं। अगर ऐसे क्षेत्रों में उद्योग सर्वसुविधायुक्त चिकित्सालय बनाने तथा संचालन करने सामने आए तो उनके ऐसे प्रयास काफी सार्थक साबित होंगे।
 
       श्री नरसिम्हन ने कहा कि औद्योगीकरण के फलस्वरूप प्रदूषण की समस्या बढ़ी है। इससे स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा कि उद्योग धर्नाजन अवश्य करे लेकिन इस बात से सचेत रहे कि उनके उद्योग से निकलने वाले प्रदूषणों से कोई बीमार पड़े और न ही मरीज बने। स्वच्छ एवं साफ सुथरा वातावरण बनाए रखना हर उद्योग का महत्वपूर्ण दायित्व है। प्रदूषण नियंत्रण के लिए निर्धारित मापदंड़ों का हर हालत में पालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए। लोगों के स्वास्थ्य की कीमत पर उद्योगों की स्थापना नहीं होनी चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि राज्य के विकास के लिए प्रशासन और उद्योगों के बीच बेहतर तालमेल होना चाहिए। इसके लिए उन्होंने हर तीन या छह माह में प्रशासन के साथ एक नियमित बैठक आयोजित करने का सुझाव भी सीआईआई को दिया।
 
       इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव पी.सी. दलेई भी उपस्थित थे। कार्यक्रम के प्रारंभ में भारतीय उद्योग परिसंघ के छत्तीसगढ़ चेप्टर के चेयरमेन श्री एस.के. जैन ने सीआईआई के कार्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने भारतीय उद्योग परिसंघ द्वारा कौशल विकास तथा अन्य योजनाओं की जानकारी दी। सीआईआई के पूर्वी क्षेत्र के वाइस चेयरमेन श्री मुकुल सोमानी ने बताया कि यह संस्था 113 वर्ष पुरानी है। छत्तीसगढ़ सहित देशभर में इसके 64 आफिस है तथा देश के बाहर 8 आफिस है। सीआइआई के क्षेत्रीय निदेशक श्री सौगात मुखर्जी ने भी संबोधित किया।
 
       इस अवसर पर राज्यपाल के साथ विचार-विमर्श करते हुए श्री अरविंद जैन, श्री छंगानी, श्री पार्थो, श्री सिध्दार्थ, वक्ताओं ने कहा कि उद्योग अनेक लोगों को रोजगार प्रदान करते हैं। उद्योगपति श्री बी.एल. अग्रवाल ने कहा उन्होंने स्वयं औद्योगिक परिसर सिलतरा में जब अपने परिवार सहित 24 घंटे बिताए तो उन्होंने अनुभव हुआ है कि वास्तव में यहां प्रदूषण का स्तर अधिक है। उन्होंने इसके बाद तय समय सीमा में अपने उद्योग से प्रदूषण को समाप्त किया। एक युवा उद्योगपति ने यह कहा कि बंजर भूमि पर ही उद्योगों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। इस अवसर पर ग्रीन बिल्डींग सहित विविध मुद्दों आपसी विचार विमर्श भी किया गया।

Monday, November 3, 2008

विधानसभा निर्वाचन-2008

बिलासपुर एक नवम्बर 2008  विधानसभा आम निर्वाचन-2008 के लिये बिलासपुर जिले में दो हजार एक मतदान केन्द्र बनाये गये हैं। इन केन्द्रों में 411 को संवेदनशील व 200 केन्द्रों को अतिसंवेदनशील केन्द्र के रूप में निर्धारित किया गया है।
आम निर्वाचन में मताधिकार का प्रयोग करने हेतु विधानसभा क्षेत्र मरवाही में 215 मतदान केन्द्र बनाये गये हैं। जिनमें 41 केन्द्र संवेदनशील व 39 केन्द्र अतिसंवेदनशील हैं। इसी तरह कोटा विधानसभा क्षेत्र में 237 मतदान केन्द्र बनाये गये हैं। जिनमें 45 संवेदनशील व 30 अतिसंवेदनशील केन्द्र हैं। लोरमी विधानसभा क्षेत्र में 204 मतदान केन्द्र बनाये गये हैं। जिनमें 57 संवेदनशील व 18 अतिसंवेदनशील केन्द्र हैं। मुंगेली विधानसभा क्षेत्र में 230 मतदान केन्द्र बनाये गये हैं। जिनमें 46 संवेदनशील व 13 अतिसंवेदनशील केन्द्र हैं। तखतपुर विधानसभा क्षेत्र में 209 मतदान केन्द्र बनाये गये हैं। जिनमें 37 संवेदनशील व 20 अतिसंवेदनशील केन्द्र हैं। बिल्हा विधानसभा क्षेत्र में 254 मतदान केन्द्र बनाये गये हैं। जिनमें 32 संवेदनशील व 22 अतिसंवेदनशील केन्द्र हैं। बिलासपुर विधानसभा क्षेत्र में 210 मतदान केन्द्र बनाये गये हैं। जिनमें 31 संवेदनशील व 28 अतिसंवेदनशील केन्द्र हैं। बेलतरा विधानसभा क्षेत्र में 179 मतदान केन्द्र बनाये गये हैं। जिनमें 62 संवेदनशील व 16 अतिसंवेदनशील केन्द्र हैं। मस्तूरी विधानसभा क्षेत्र में 263 मतदान केन्द्र बनाये गये हैं। जिनमें 60 संवेदनशील व 14 अतिसंवेदनशील केन्द्र हैं। इन मतदान केन्द्रों तक पहुंचने के लिये 282 रूटों का निर्धारण किया गया है। जिले के नौ विधानसभा क्षेत्रों में शांतिपूर्ण व निष्पक्ष चुनाव सम्पन्न कराने 34 सेक्टर व 133 जोन बनाये गये हैं।

छत्तीसगढ़ मतदान सार्वजनिक अवकाश

रायपुर, विधानसभा आम निर्वाचन 2008 के लिए छत्तीसगढ़ में दो चरणों 14 नवम्बर और 20 नवम्बर को मतदान होगा। राज्य शासन द्वारा आम नागरिकों और शासकीय सेवकों को मतदान के लिए मतदान के दिन 14 और 20 नवम्बर को संबंधित विधानसभा क्षेत्रों में सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है।
 
       पहले चरण में 14 नवम्बर को 39 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान के लिए सार्वजनिक अवकाश रहेगा। इनमें विधानसभा क्षेत्र सरायपाली, बसना, खल्लारी, महासमुन्द, सिहावा, कुरूद, धमतरी, संजारी बालोद, डोंडी लोहारा, गुन्डरदेही, पाटन, दुर्ग ग्रामीण, दुर्ग शहर, भिलाई नगर, वैशाली नगर, अहिवारा, साजा, बेमेतरा, नवागढ़, पंडरिया, कवर्धा, खैरागढ़, डोंगरगढ़, राजनांदगांव, डोंगरगांव, खुज्जी, मोहला-मानपुर, अंतागढ़, भानुप्रतापपुर, कांकेर, केशकाल, कोंडागांव, नारायणपुर, बस्तर, जगदलपुर, चित्रकोट, दन्तेवाड़ा, बीजापुर और कोन्टा शामिल हैं।
 
       इसी तरह दूसरे चरण में 20 नवम्बर को 51 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान के लिए सार्वजनिक अवकाश रहेगा। इनमें विधानसभा क्षेत्र भरतपुर-सोनहट, मनेन्द्रगढ़, बैकुंठपुर, प्रेमनगर, भटगांव, प्रतापपुर, रामानुजगंज, सामरी, लुण्ड्रा, अम्बिकापुर, सीतापुर, जशपुर, कुनकुरी, पत्थलगांव, लैलूंगा, रायगढ़, सारंगढ़, खरसिया, धर्मजयगढ़, रामपुर, कोरबा, कटघोरा, पाली-तानाखार, मरवाही, कोटा, लोरमी, मुंगेली, तखतपुर, बिल्हा, बिलासपुर, बेलतरा, मस्तुरी, अकलतरा, जांजगीर-चांपा, सक्ती, चन्द्रपुर, जैजैपुर, पामगढ़, बिलाईगढ़, कसडोल, बलोदा-बाजार, भाटापारा, धरसींवा, रायपुर ग्रामीण, रायपुर नगर पश्चिम, रायपुर नगर उत्तर, रायपुर नगर दक्षिण, आरंग, अभनपुर, राजिम और बिन्द्रानवागढ़ शामिल हैं।

Sunday, November 2, 2008

बिलासपुर न्‍यूज़ - राष्ट्रीय संकल्प दिवस

राष्ट्रीय संकल्प दिवस पर संकल्प लिया अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने -
बिलासपुर  कलेक्टर श्री सुबोधसिंह ने 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय संकल्प दिवस पर कलेक्टोरेट प्रांगण में उपस्थित अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रात: 11 बजे राष्ट्रीय एकता एवं अखण्डता कायम रखने का संकल्प दिलाया।
  इस अवसर पर अपर कलेक्टर श्री धनन्जय देवांगन, श्री पी.एस. एल्मा, श्री के.एल. चौहान, सहायक कलेक्टर श्री के.सी. देव सेनापति, संयुक्त कलेक्टर श्री एम.एल. गुप्ता, एसडीएम श्री प्रमोद शर्मा एवं कलेक्टोरेट कार्यालय के अधिकारी और कर्मचारीगण बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
 
जोन स्तरीय विज्ञान मेला का आयोजन अब 11 और 12 नवंबर को-
बिलासपुर जोन स्तरीय विज्ञान मेला का आयोजन 7 एवं 8 नवंबर 2008 के बीच शासकीय शिक्षा महाविद्यालय बिलासपुर में सम्पन्न होना था। उक्त तिथियों में महाविद्यालय में विधानसभा निर्वाचन कार्य का प्रशिक्षण कार्यक्रम होने के कारण उक्त तिथियों में आंशिक संशोधन किया गया है। अब जोन स्तरीय विज्ञान मेला का आयोजन 11 और 12 नवंबर 2008 को शासकीय शिक्षा महाविद्यालय बिलासपुर में ही होगा। जिसमें बिलासपुर, जांजगीर-चांपा और कोरबा जिले के प्रादर्श का प्रदर्शन किया जायेगा।
  जिला शिक्षाधिकारी बिलासपुर ने समस्त प्राचार्य शासकीय/अशासकीय उच्चतर माध्यमिक शालायें/हाईस्कूल बिलासपुर नगर को निर्देशित किया है कि वे अपनी शाला के कक्षा नवमीं से बारहवीं तक अध्ययनरत छात्राओं को 11 नवंबर 2008 को दोपहर एक बजे से तथा छात्रों को 12 नवंबर 2008 को दोपहर एक बजे से प्रादर्श अवलोकन हेतु भेजें।
 
केन्द्रीय पुलिस संगठन में उपनिरीक्षकों की भर्ती परीक्षा का प्रवेश पत्र जारी-
बिलासपुर भारत सरकार कर्मचारी चयन आयोग (मप्रक्षे) रायपुर द्वारा 9 नवंबर 2008 को केन्द्रीय पुलिस संगठन में उपनिरीक्षकों की भर्ती परीक्षा 2008 का आयोजन किया जा रहा है। इस परीक्षा के लिये सभी योग्य परीक्षार्थियों को प्रवेश पत्र जारी किये जा चुके हैं।
  केन्द्रीय पुलिस संगठन में उपनिरीक्षकों की भर्ती परीक्षा-2008 के लिये जिन परीक्षार्थियों को प्रवेश पत्र प्राप्त नहीं हुआ है वे अपनी अभ्यर्थिता के संबंध में आयोग के वेबसाइट ेबउचतण्वतह से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं अथवा आयोग कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं। वेबसाइट में जिन परीक्षार्थियों को परीक्षा के लिये पात्र घोषित किया गया है, केवल वही डुप्लिकेट प्रवेश पत्र के लिये संपर्क करें। डुप्लिकेट प्रवेश पत्र के लिये आवेदन पत्र में चिपकाई गई फोटो की एक प्रति के साथ कर्मचारी चयन आयोग कार्यालय एफ-जल विहार कालोनी रायपुर में रायपुर और जगदलपुर से संबंधित परीक्षा केन्द्र के आवेदक 8 नवंबर 2008 शनिवार को प्रात: 11 बजे से सायं 5 बजे तक तथा जिलाधीश कार्यालय नेहरू चौक बिलासपुर में बिलासपुर और अंबिकापुर परीक्षा केन्द्र से संबंधित परीक्षार्थी 8 नवंबर 2008 शनिवार को प्रात: 11 बजे से सायं 5 बजे स्वयं संपर्क कर सकते हैं।

Universal Influenza Immunization & Mortality

The Effect of Universal Influenza Immunization on Mortality and Health Care Use
 
In 2000, Ontario, Canada, initiated a universal influenza immunization program (UIIP) to provide free influenza vaccines for the entire population aged 6 mo or older. Influenza immunization increased more rapidly in younger age groups in Ontario compared to other Canadian provinces, which all maintained targeted immunization programs. We evaluated the effect of Ontario's UIIP on influenza-associated mortality, hospitalizations, emergency department (ED) use, and visits to doctors' offices.
 
 
Mortality and hospitalization data from 1997 to 2004 for all ten Canadian provinces were obtained from national datasets. Physician billing claims for visits to EDs and doctors' offices were obtained from provincial administrative datasets for four provinces with comprehensive data. Since outcomes coded as influenza are known to underestimate the true burden of influenza, we studied more broadly defined conditions. Hospitalizations, ED use, doctors' office visits for pneumonia and influenza, and all-cause mortality from 1997 to 2004 were modelled using Poisson regression, controlling for age, sex, province, influenza surveillance data, and temporal trends, and used to estimate the expected baseline outcome rates in the absence of influenza activity. The primary outcome was then defined as influenza-associated events, or the difference between the observed events and the expected baseline events. Changes in influenza-associated outcome rates before and after UIIP introduction in Ontario were compared to the corresponding changes in other provinces. After UIIP introduction, influenza-associated mortality decreased more in Ontario (relative rate [RR] = 0.26) than in other provinces (RR = 0.43) (ratio of RRs = 0.61, p = 0.002). Similar differences between Ontario and other provinces were observed for influenza-associated hospitalizations (RR = 0.25 versus 0.44, ratio of RRs = 0.58, p < 0.001), ED use (RR = 0.31 versus 0.69, ratio of RRs = 0.45, p < 0.001), and doctors' office visits (RR = 0.21 versus 0.52, ratio of RRs = 0.41, p < 0.001). Sensitivity analyses were carried out to assess consistency, specificity, and the presence of a dose-response relationship. Limitations of this study include the ecological study design, the nonspecific outcomes, difficulty in modeling baseline events, data quality and availability, and the inability to control for potentially important confounders.
 
Compared to targeted programs in other provinces, introduction of universal vaccination in Ontario in 2000 was associated with relative reductions in influenza-associated mortality and health care use. The results of this large-scale natural experiment suggest that universal vaccination may be an effective public health measure for reducing the annual burden of influenza.
 

Citation: Kwong JC, Stukel TA, Lim J, McGeer AJ, Upshur REG, et al. (2008) The Effect of Universal Influenza Immunization on Mortality and Health Care Use. PLoS Med 5(10): e211 doi:10.1371/journal.pmed.0050211

डा रमन सिंह अंतर्राष्‍ट्रीय क्रिकेट स्‍टेडियम उद्घाटन में

Chief Minister Chhattisgarh Dr. Raman Singh Interview at Inauguration of International Cricket Stadium of Chhattisgarh at Naya Raipur

Army Band Concert at Harbaksh Stadium Delhi Cantt

The Armed Forces all over the world have deep rooted martial traditions, martial music being one of the most prominent such traditions. In earlier times, martial music roused and inspired feelings of courage and valour among soldiers in the battle.
 
A special Army Band Concert was conducted at Harbaksh Stadium, Delhi Cantt on 01 Nov 08 during Chief's Conclave. Mrs Pratibha Devi Singh Patil, the Hon'ble President of India was the Chief Guest. During the Army Band Concert a CD on Military Music and Coffee Table Book on Military Bands was also released. 

Present day bands have evolved from such old and venerable traditions. Today, the Military Band and Pipes and Drums are ceremonial in function but play an important role in instilling a sense of pride in all spheres of Military Life. Martial music also adds a special dimension to military rituals and ceremonies and perpetuates martial traditions. Indeed, the rendition of martial music never fails to foster discipline and raise the morale of troops.

The fusion of the Western and Indian musical traditions, although extremely difficult to accomplish, was achieved quite successfully by the overall coordinator and Chief Conductor, Mr SR Kandpal, Director of Music and his team of musicians. It resulted in a fine blend of western military music with Indian music. Musical instruments such as Sitar, Sarod, Santoor and Tabla will be seen playing alongside traditional western instruments during this Band Concert. Several popular Indian folk tunes and Ragas have also been successfully incorporated by the composers and the number of such tunes continues to grow.

One hundred and fifty two (152) selected musicians from all Regtl Centres/Battalion Bands and from the Army's Military Music Wing have been trained for performances under the regular and effective supervision of Director of Music.

Many of these experienced musicians have earlier performed at International Martial Music Competitions/Tattoos at various countries like Sweden, Japan, Malaysia, United Kingdom, France, Germany and Chile.

The Band Concert at Harbaksh Stadium offered a rare opportunity for the connoisseur of music to get a first hand experience of range and quality of Military Musicians. Their expertise in playing western musical instruments and successful

विधानसभा निर्वाचन-2008

बिलासपुर विधानसभा निर्वाचन-2008 के तहत् बिलासपुर जिले के नौ विधानसभा क्षेत्रों में आम निर्वाचन हेतु जिले के 16 लाख आठ हजार 544 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।
माह सितम्बर 2008 की स्थिति में जिले में आठ लाख 21 हजार 209 पुरूष और सात लाख 87 हजार 335 महिला मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। जिले में प्रति हजार पुरूष मतदाताओं में 959 महिला मतदाता हैं।
 
माह सितम्बर 2008 की स्थिति में विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र क्रमांक-24 मरवाही में 79 हजार 282 पुरूष और 80 हजार 396 महिला इस तरह कुल एक लाख 59 हजार 678 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इस क्षेत्र में प्रति हजार पुरूष मतदाताओं में एक हजार 14 महिला मतदाता हैं। इसी तरह विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र क्रमांक-25 कोटा में 85 हजार 993 पुरूष और 83 हजार 837 महिला कुल एक लाख 69 हजार 830 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इस क्षेत्र में मतदाताओं का लिंगानुपात 975 है। विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र क्रमांक-26 लोरमी में 80 हजार 955 पुरूष और 77 हजार 963 महिला कुल एक लाख 58 हजार 918 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। क्षेत्र में मतदाताओं का लिंगानुपात 963 है। विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र क्रमांक-27 मुंगेली में 92 हजार 656 पुरूष और 87 हजार 573 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इस क्षेत्र में मतदाताओं का लिंगानुपात 945 है। विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र क्रमांक-28 तखतपुर में 86 हजार 862 पुरूष और 82 हजार 540 महिला मतदाता कुल एक लाख 69 हजार 402 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इस क्षेत्र में मतदाताओं का लिंगानुपात 950 है। विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र क्रमांक-29 बिल्हा में एक लाख सात हजार 533 पुरूष और एक लाख दो हजार 557 महिला मतदाता कुल दो लाख 10 हजार 90 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इस क्षेत्र में लिंगानुपात 954 है।

 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र क्रमांक-30 बिलासपुर में 99 हजार 101 पुरूष और 92 हजार 703 महिला कुल एक लाख 91 हजार 804 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इस क्षेत्र में मतदाताओं का लिंगानुपात 935 है। विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र क्रमांक-31 बेलतरा में 79 हजार 40 पुरूष और 74 हजार 178 महिला कुल एक लाख 53 हजार 218 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इस क्षेत्र में लिंगानुपात 938 है। इसी तरह विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र क्रमांक-32 मस्तूरी में एक लाख नौ हजार 787 पुरूष और एक लाख पांच हजार 588 महिला कुल दो लाख 15 हजार 375 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इस क्षेत्र में प्रति हजार पुरूष मतदाताओं में 962 महिला मतदाता हैं।

इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के ऑपरेशन में दक्षता जरूरी

बिलासपुर विधान सभा आम निर्वाचन-2008 के दौरान जिले में शांतिपूर्ण, स्वतंत्र, निष्पक्ष तथा व्यवस्थित ढंग से मतदान कराने हेतु जिले के सभी नौ विधानसभा क्षेत्र के लिये नियुक्त सेक्टर अधिकारियों (जोनल अधिकारियों) को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये । सेक्टर अधिकारी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के ऑपरेशन में दक्ष बनें, जिससे मतदान केन्द्र में जरूरत पड़ने पर मतदान अधिकारियों को उचित मार्गदर्शन दें सकेंगे। ईव्हीएम ऑपरेटिंग करने में दिक्कत हो तो हर तहसीलों में रखे उक्त मशीनों से ट्रेनिंग लिया जा सकता है।
 
जिला निर्वाचन अधिकारी श्री सुबोधसिंह ने यह बैठक ली और कहा कि जोनल अधिकारियों का काम बहुत महत्वपूर्ण है। मतदान की प्रक्रिया में फार्म 17 ए, 17 सी, पीठासीन अधिकारी की डायरी, उचित तरीके से भरवाने की जवाबदारी उनकी है। मतदान केन्द्रों में व्यवस्था पर भी ध्यान दें। जर्जर स्थिति वाले मतदान केन्द्रों का दुरूस्तीकरण, पानी, बिजली की व्यवस्था, केन्द्र तक जाने वाले सड़कों के मरम्मतीकरण की व्यवस्था पर भी विशेष ध्यान देने कहा गया। बैठक में उपस्थित सभी अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को निर्देश दिये गये कि जोनल अधिकारियों द्वारा अपने निर्धारित क्षेत्रों के प्रथम निरीक्षण पश्चात् प्रस्तुत किये गये रिपोर्ट का अध्ययन कर जो भी कार्यवाही की जानी है, तत्काल आरंभ करें। ऐसे मतदान केन्द्र जहां आवागमन की सुविधा नहीं है तथा बस नहीं जा पायेगी, वहां के लिये सेक्टर अधिकारी एसडीएम से मिलकर व्यवस्था सुनिश्चित कर लें। सभी सेक्टर अधिकारियों को 8 से 13 नवंबर के बीच अपने निर्धारित क्षेत्रों के द्वितीय निरीक्षण करने के निर्देश दिये गये। श्री सिंह ने कहा कि जिन मतदाताओं के पास फोटो परिचय पत्र हैं वे उसे लेकर मतदान केन्द्र अवश्य जायें, किन्तु एक परिवार में यदि एक ही सदस्य के  पास उक्त परिचय पत्र हो तो बाकी सदस्यों को उसके आधार पर मतदान की सुविधा दी जाए। इसके अतिरिक्त जिनके पास उक्त परिचय पत्र नहीं है वे रोजगार गारंटी योजना के तहत् बनाये गये जॉबकार्ड, राशनकार्ड, पेनकार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, आइडेंटिटी कार्ड, बैंक पासबुक, जमीन के पट्टे, तेन्दुपत्ता संग्राहकों को जारी कार्ड आदि विकल्प के रूप में पहचान पत्र दिखाकर मतदान कर सकते हैं। यह जानकारी मतदाताओं तक पहुंचायें।

बैठक में अतिरिक्त कलेक्टर श्री धनन्जय देवांगन ने सेक्टर अधिकारियों को उनके दायित्वों के   संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि मतदान केन्द्र के 200 मीटर के दायरे में अभ्यर्थी अथवा किसी राजनैतिक दल की प्रचार सामग्री न हो यह सुनिश्चित कर लें। स्कूल अथवा अन्य भवनों में बनाये गये मतदान केन्द्रों में लोकार्पण अथवा शिलान्यास की पट्टिका लगी हो तो उस पर कागज चिपका दें। केन्द्रों में फर्नीचर, बिजली, पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि चुनाव शांतिपूर्ण व निष्पक्ष सम्पन्न कराने के लिये के बेहतर समन्वय का कार्य करें। उन्होंने मतदान दलों के प्रशिक्षण, सामग्री वितरण तथा दलों के निर्धारित रूटों पर रवानगी के संबंध में निर्धारित टाइम टेबल से अधिकारियों को अवगत कराया तथा निर्देश दिये कि अपने क्षेत्रों के मतदान दलों को दी गयी निर्वाचन सामग्री का मिलान वे स्वयं उपस्थित रहकर करवायें इसके पश्चात् ही उन्हें रवाना करें। उन्होंने बताया कि प्रत्येक पीठासीन अधिकारी को वर्णमाला क्रम में अंकित मतदाता सूची दी जायेगी तथा मतदाता सहायता केन्द्र बनाये जायेंगे, ताकि कोई मतदान अपना नाम ढूंढना चाहे तो उन्हें सुविधा हो। उन्होंने सेक्टर अधिकारियों को कहा कि किसी भी स्थिति में पुनर्मतदान की स्थिति न बनें, यह व्यवस्था  सुनिश्चित करें तथा विपरीत परिस्थिति निर्मित होने पर स्वविवेक से कार्य करें। अतिरिक्त कलेक्टर श्री के.एल. चौहान ने फोटो रोल के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बैलेट यूनिट के संबंध में मतदाताओं को जानकारी देने के लिये प्रत्येक केन्द्र में डमी बैलेट यूनिट दी जायेगी। चुनाव प्रचार समाप्त होने पर सेक्टर अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि किसी भी विधानसभा क्षेत्र में अन्य विधानसभा क्षेत्र का मतदाता नहीं रहेगा तथा पोलिंग अथवा काउंटिंग एजेण्ट किसी भी ऐसे व्यक्ति को न बनाये जाए जो शासन से सुरक्षा प्राप्त हो। 
 
बैठक के पश्चात् 20 मास्टर ट्रेनर्सों द्वारा सेक्टर अधिकारियों के ग्रुप बनाकर उन्हें ईव्हीएम मशीनों के संचालन के संबंध में प्रशिक्षित किया गया।