Sunday, November 2, 2008

इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के ऑपरेशन में दक्षता जरूरी

बिलासपुर विधान सभा आम निर्वाचन-2008 के दौरान जिले में शांतिपूर्ण, स्वतंत्र, निष्पक्ष तथा व्यवस्थित ढंग से मतदान कराने हेतु जिले के सभी नौ विधानसभा क्षेत्र के लिये नियुक्त सेक्टर अधिकारियों (जोनल अधिकारियों) को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये । सेक्टर अधिकारी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के ऑपरेशन में दक्ष बनें, जिससे मतदान केन्द्र में जरूरत पड़ने पर मतदान अधिकारियों को उचित मार्गदर्शन दें सकेंगे। ईव्हीएम ऑपरेटिंग करने में दिक्कत हो तो हर तहसीलों में रखे उक्त मशीनों से ट्रेनिंग लिया जा सकता है।
 
जिला निर्वाचन अधिकारी श्री सुबोधसिंह ने यह बैठक ली और कहा कि जोनल अधिकारियों का काम बहुत महत्वपूर्ण है। मतदान की प्रक्रिया में फार्म 17 ए, 17 सी, पीठासीन अधिकारी की डायरी, उचित तरीके से भरवाने की जवाबदारी उनकी है। मतदान केन्द्रों में व्यवस्था पर भी ध्यान दें। जर्जर स्थिति वाले मतदान केन्द्रों का दुरूस्तीकरण, पानी, बिजली की व्यवस्था, केन्द्र तक जाने वाले सड़कों के मरम्मतीकरण की व्यवस्था पर भी विशेष ध्यान देने कहा गया। बैठक में उपस्थित सभी अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को निर्देश दिये गये कि जोनल अधिकारियों द्वारा अपने निर्धारित क्षेत्रों के प्रथम निरीक्षण पश्चात् प्रस्तुत किये गये रिपोर्ट का अध्ययन कर जो भी कार्यवाही की जानी है, तत्काल आरंभ करें। ऐसे मतदान केन्द्र जहां आवागमन की सुविधा नहीं है तथा बस नहीं जा पायेगी, वहां के लिये सेक्टर अधिकारी एसडीएम से मिलकर व्यवस्था सुनिश्चित कर लें। सभी सेक्टर अधिकारियों को 8 से 13 नवंबर के बीच अपने निर्धारित क्षेत्रों के द्वितीय निरीक्षण करने के निर्देश दिये गये। श्री सिंह ने कहा कि जिन मतदाताओं के पास फोटो परिचय पत्र हैं वे उसे लेकर मतदान केन्द्र अवश्य जायें, किन्तु एक परिवार में यदि एक ही सदस्य के  पास उक्त परिचय पत्र हो तो बाकी सदस्यों को उसके आधार पर मतदान की सुविधा दी जाए। इसके अतिरिक्त जिनके पास उक्त परिचय पत्र नहीं है वे रोजगार गारंटी योजना के तहत् बनाये गये जॉबकार्ड, राशनकार्ड, पेनकार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, आइडेंटिटी कार्ड, बैंक पासबुक, जमीन के पट्टे, तेन्दुपत्ता संग्राहकों को जारी कार्ड आदि विकल्प के रूप में पहचान पत्र दिखाकर मतदान कर सकते हैं। यह जानकारी मतदाताओं तक पहुंचायें।

बैठक में अतिरिक्त कलेक्टर श्री धनन्जय देवांगन ने सेक्टर अधिकारियों को उनके दायित्वों के   संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि मतदान केन्द्र के 200 मीटर के दायरे में अभ्यर्थी अथवा किसी राजनैतिक दल की प्रचार सामग्री न हो यह सुनिश्चित कर लें। स्कूल अथवा अन्य भवनों में बनाये गये मतदान केन्द्रों में लोकार्पण अथवा शिलान्यास की पट्टिका लगी हो तो उस पर कागज चिपका दें। केन्द्रों में फर्नीचर, बिजली, पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि चुनाव शांतिपूर्ण व निष्पक्ष सम्पन्न कराने के लिये के बेहतर समन्वय का कार्य करें। उन्होंने मतदान दलों के प्रशिक्षण, सामग्री वितरण तथा दलों के निर्धारित रूटों पर रवानगी के संबंध में निर्धारित टाइम टेबल से अधिकारियों को अवगत कराया तथा निर्देश दिये कि अपने क्षेत्रों के मतदान दलों को दी गयी निर्वाचन सामग्री का मिलान वे स्वयं उपस्थित रहकर करवायें इसके पश्चात् ही उन्हें रवाना करें। उन्होंने बताया कि प्रत्येक पीठासीन अधिकारी को वर्णमाला क्रम में अंकित मतदाता सूची दी जायेगी तथा मतदाता सहायता केन्द्र बनाये जायेंगे, ताकि कोई मतदान अपना नाम ढूंढना चाहे तो उन्हें सुविधा हो। उन्होंने सेक्टर अधिकारियों को कहा कि किसी भी स्थिति में पुनर्मतदान की स्थिति न बनें, यह व्यवस्था  सुनिश्चित करें तथा विपरीत परिस्थिति निर्मित होने पर स्वविवेक से कार्य करें। अतिरिक्त कलेक्टर श्री के.एल. चौहान ने फोटो रोल के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बैलेट यूनिट के संबंध में मतदाताओं को जानकारी देने के लिये प्रत्येक केन्द्र में डमी बैलेट यूनिट दी जायेगी। चुनाव प्रचार समाप्त होने पर सेक्टर अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि किसी भी विधानसभा क्षेत्र में अन्य विधानसभा क्षेत्र का मतदाता नहीं रहेगा तथा पोलिंग अथवा काउंटिंग एजेण्ट किसी भी ऐसे व्यक्ति को न बनाये जाए जो शासन से सुरक्षा प्राप्त हो। 
 
बैठक के पश्चात् 20 मास्टर ट्रेनर्सों द्वारा सेक्टर अधिकारियों के ग्रुप बनाकर उन्हें ईव्हीएम मशीनों के संचालन के संबंध में प्रशिक्षित किया गया।

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