भारतीय चिकित्सा परिषद की हीरक जयंती वर्ष पर आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए राज्यपाल श्री नरसिम्हन ने चिकित्सा शिक्षा के सुधार और गुणवत्ता विकास के लिए भारतीय चिकित्सा परिषद की महत्वपूर्ण भूमिका पर चर्चा की और कहा कि उनके नियम-कानून और मूल्यांकन इतने अधिक पारदर्शी और स्पष्ट होने चाहिए जिससे नए चिकित्सा महाविद्यालय की मान्यता पहले से ही स्पष्ट रहे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में देखा जाता है कि कई बार घंटे-दो घंटे के लिए गेस्ट लेक्चर के माध्यम से पढ़ाई की जाती है लेकिन केवल गेस्ट लेक्चर की कभी-कभार उपस्थिति से शिक्षा में गुणवत्ता नहीं आ सकती जब तक कि पूर्ण कालिक तथा अच्छे शिक्षक ना रहे। शिक्षा महाविद्यालयों में नए-नए अनुसंधान कार्यों पर भी उन्होंने बल दिया।
शासकीय चिकित्सालय आकर्षण का केंद्र - 3
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